लेस्बियन सेक्स, नंगी चूत चुसाई

हाय फ़्रैंड्स, मेरा नाम निकिता है.. मैं 19 साल की हूँ और बहुत सेक्सी भी हूँ। मेरा फिगर 30-24-32 का है। यह बात 6 महीने पहले की है.. जब मेरे परिवार वालों को हमारे एक दूर के रिश्तेदार के घर शादी में जाना था, मेरी परीक्षा के चलते वो मुझे पड़ोस की एक चाची के घर पर छोड़ कर चले गए। वहाँ उस आंटी के घर पर उसकी लड़की भी थी जिसका फिगर 34-26-36 का होगा। चाची ने मुझे उसी के कमरे में रहने को कहा, रात का खाना खाने के बाद हम सोने गए।

मैं तो रोज रात को ब्लू फ़िल्में देख कर अपनी चूत की आग को उंगली से बुझा लेती थी.. लेकिन आज तो मुझे एक रूममेट के साथ रात बितानी थी। रात के 11 बजे में उठकर बाथरूम में जाने लगी… क्योंकि मेरी चूत में बुरी तरह आग लगी हुई थी। मैंने जैसे ही उठने के लिए आँखें खोलीं.. मैंने देखा कि चाची की बेटी कान में हेडफोन लगा कर ब्लू-फिल्म देख रही है। मेरे मन में लड्डू फूटने लगे थे.. क्योंकि आज रात मैं उसके साथ लेस्बियन सेक्स करने वाली थी।

मैं बहुत पहले से ही अपनी चूत में उंगली कर रही हूँ.. लेकिन आज कोई साथी मिल रहा था.. तो कुछ डर तो था.. अगर वो भड़क जाती.. तो गड़बड़ भी हो सकती थी।

फिर भी मैंने हिम्मत बटोरी और धीरे से उसके चूचों पर हाथ रख दिया, वो एकदम से उठ कर खड़ी हो गई। मैंने उससे कहा- हम दोनों की चूत मे आग लगी हुई है… क्यूँ ना हम लेस्बियन सेक्स करें..! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

वो हँस गई और मान गई। फिर हम दोनों बिस्तर पर बैठ कर ब्लू-फिल्म देखने लगे और एक-दूसरे को गर्म करने लगी। थोड़ी ही देर में हम दोनों गर्म हो गई.. उसने मेरे और अपने सारे कपड़े उतार फेंके। इसके बाद मैं उसके चूचों को मसलने लगी और वो मेरी चूचियां दबाने लगी, मैं मस्त होकर सिसकारियां लेने लगी। इसी बीच में उसने मेरी चूचियों को ज़ोर से काटा.. मैं ‘उई माँ..’ ज़ोर से चिल्ला पड़ी। तब उसने मेरे होंठों पर अपने होंठों को रख दिए, अब हम दोनों बुरी तरह से एक-दूसरे को चूमने लगे थे।

थोड़ी देर बाद उसने मुझे नीचे धकेला और मेरे मुँह को अपनी चूत में धंसाने लगी। मैं उसकी चूत को अन्दर तक चाट रही थी। वो ‘उहाहम.. हहुहोहमम.. महुह..’ की मादक सिसकारियाँ भर रही थी। थोड़ी देर में वो गंदी-गंदी गालियाँ भी देने लगी- चाट साली.. रंडी.. आह्ह.. चाट भैन की लौड़ी.. खा जा मेरी चूत को.. भोसड़ी की.. चाट.. आह्ह..

मैं उसकी चूत को ज़ोर से चूसने लगी और उसकी गाण्ड में उंगली करने लगी। साली पता नहीं किस मिट्टी की बनी थी, पूरे पौन घंटे उंगली करने के बाद वो झड़ गई।

अब मेरी बारी थी.. उसने मेरी चूत को सहलाना शुरू किया। मैं तो पागल सी हो गई.. मैं भी सिसकारियाँ भरने लगी ‘उहाहम्म हाहहा…’ उसने सहलाना बंद करके उंगली शुरू कर दी। मेरी चूत में आज तक सिर्फ़ मेरी ही उंगली गई थी, उसने अपनी तीन उंगलियाँ मेरी चूत में घुसेड़ दीं.. मेरा तो दर्द के मारे बुरा हाल था.. पर मज़ा भी आ रहा था।

लगभग 25 मिनट में मैं भी झड़ गई।

इसके बाद मैं जितने भी दिन उसके घर पर रही.. रोज रात को हमने लेस्बो सेक्स किया।

यह एकदम सच्ची घटना लिखी है इसमें लेशमात्र भी झूठ नहीं है। मुझे ईमेल लिखें.. पर प्लीज़ अपनी भाषा को संयत रखें.. [email protected]