चूत चुदाई के खेल में लेस्बियन मसाला

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दोस्तो, मेरी पिछली कहानी गर्लफ्रेंड की अदला बदली करके चुदाई की तमन्ना आप लोगों ने पसंद की उसका बहुत बहुत शुक्रिया. तो अब उसके बाद क्या हुआ, वो आपके समक्ष रख रहा हूँ. पढ़ कर आनन्द लें और अपने दोस्तों को कहानी का लिंक भेज कर उन्हें भी मजा लेने दें!

तो अगले दिन आकर हम लोगों ने आराम किया. रात को मेघा के घर गया, उसके कमरे में जाकर और साथ में उसकी रजाई में घुस गया. बातें करने लगे. “अभी भी थकान है क्या?” “नहीं अब नहीं है.. पूरा दिन सोई रही.” “मैं भी.. तो कल तो पूरा मजा लिया तूने!” “हाँ यार, वो मनोज तो पागल हो गया था. आते टाइम जब वो घर दिखाने के बहाने लेकर गया तो फिर से किस करने लगा मैंने मना किया तो माना नहीं और बूब्स दबाने लगा और गर्दन पे किस करने लगा तो क्या करती… खुद ही नंगी हो गई उसने सोफे पे थोड़े देर चोदा. फिर मैंने उसका लंड मुँह में लेकर उसका पानी निकाला.

“इधर मैंने भी सविता को खूब चोदा.” “अच्छा तभी जब आये थे तो वो ऐसे सांसें भर रही थीं.” “हां.. अब किस तो दे दे..” “कर लो न पूरी तुम्हारी ही हूँ.” “उम्म्म उम्म्म्म..” “आआअ बूब्स मत दबाओ इस पर मनोज ने काट लिया था.” “दिखा न..”

मेघा ने टी-शर्ट उतार दी, उसके मम्मों पर निशान तो नहीं थे, पर शायद थोड़ा दर्द था, मैंने दबाया तो उसकी कराह निकली “आआ आअह इस्सस्स.. ऐसे ही चूसो प्यार से..” “हाँ.. तेरे ये बहुत रसीले हैं.. कोई भी काट कर खाना चाहेगा.” “तुम भी कपड़े उतार दो और मुझे चोदो ना..” “लो उतार दिए, तुम भी नंगी हो जाओ न.” “तुम ही कर दो न.” “ओके मेरी जान अभी करे देता हूँ.”

मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया “पैर फैलाओ रानी, चूत चूसने दे मुझे..” उसने चूत खोली और मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर लगा दी.

“आआह.. अह आहह.. क्या मस्त चूत चाटते हो.. आह..” “अच्छा लग रहा है.. ऊम्माह..” “हाँ.. आआह.. इस्स्स्स..”

कुछ ही मिनट में उसने कहा- अब तुम इस तरफ लंड करके लेटो, मुझे तुम्हारा चूसना है. मैंने लंड मेघा के मुँह में दे दिया, मेघा ने मेरा लंड लेकर चूसना शुरू कर दिया.

“आआआ स्सस्सस्स..” “मजा आया..” “हां जान.. अब लंड पर बैठ कर अन्दर ले लो.”

मेघा आराम से मेरे लंड के ऊपर बैठ कर कूदने लगी और मैं नीचे से बिना मेहनत के चूत चुदाई का मजा ले रहा था साथ ही मेघा के उछलते मम्मों के निप्पलों को मसल रहा था. फिर मैं उसे नीचे लिटा कर चोदने लगा. उसकी चूत चुदाई करते हुए उसके मम्मों को चूस भी रहा था.

“मेघा मैं तुमको शादी के बाद तो नंगी ही रखूँगा, जब मन किया अन्दर डाल दिया करूँगा. “अच्छा जी.. कोई और आ गया तो?” “तो जल्दी से नाइटी पहन लेना न.”

इसी तरह हम दोनों मीठी मीठी बातें करते हुए चुदाई का मजा लेते रहे. थोड़ी देर बाद हम दोनों का पानी निकल गया और हम नंगे ही चिपक कर लेट गए. इसके बाद मैंने मेघा को एक बार और चोदा.

फिर हम लेटे लेटे बात करने लगे. “मेघा कल सेक्स करने का मन है क्या?” “क्यों क्या हुआ?” “कल मन है तो कल संजय से करना, मैं सविता को बुलाऊंगा तो अलग अलग कमरे में सेक्स करेंगे.” “ठीक है.” संजय मेघा का दोस्त था.

अगले दिन सविता को सुबह ही कॉल करके सब प्लान समझा दिया. सविता एक वन पीस वाला रेड कलर का गाउन पहन कर आई.

हम दोनों ने कुछ देर बातें की.. मैं उसे मेघा की बातें सुनाने लगा.

उधर मेघा ने संजय को पार्क में बुलाया और उससे मिलने गई उसने टाइट टॉप और स्कर्ट पहना था.

“आज मन नहीं था कॉलेज जाने का थोड़ा थकी हुई थी.” “तुमने यहाँ क्यों बुलाया?” “यार मिलने का मन था.” “ओके.. आओ गोद में लेट जाओ.” “ओके..” “बहुत सेक्सी लग रही हो मेघा.” “थैंक्स.” “इस ड्रेस में तुम्हारे बूब्स काफी बड़े लग रहे हैं.” “हट पागल.. वे तो जितने हैं उतने ही हैं.” “किस करने दो न!” “ठीक है.. आओ..” “उम्म्मम्म उम्म्मम्म..” “हाथ कहां घुसा रहे हो?” “बूब्स मसलने का मन हो रहा है.” “बूब्स न दबाओ प्लीज कोई देख लेगा.. आआह.. इस्स्स्स..” “मुझे तुम्हारे बूब्स चूसने का मन कर रहा है.” “तो अब क्या चाहते हो.. मैं यहां खुले में अपना टॉप उतारूं.. सबके सामने?”

“तुम्हारी फ्रेंड के घर चलते हैं.” “उसके घर वाले घर पर हैं.” “कुछ करो न यार..” “रुको एक दूसरी फ्रेंड से पूछती हूँ.” “हैलो सविता.. कैसी हो.” सविता- हैलो मैं अच्छी हूँ और तुम? मेघा- मैं भी, घर पर ही हो क्या? सविता- हाँ क्यों क्या हुआ? मेघा- यार मैं और मेरा फ्रेंड यहाँ पार्क में थे, थोड़ा अजीब सा लग रहा है तो सोचा तेरे यहां आ जाऊं. सविता- यार मेरा बॉय फ्रेंड आया हुआ है. तू एक काम कर ना, दूसरे रूम में मस्ती कर लेना ही ही ही.. मेघा- अरे मस्ती नहीं, बस थोड़ी देर आराम से बैठना था. सविता- चल झूठी.. मुझे बना रही है चल तू आ जा.

सविता ने एक ट्रांसपेरेंट नाइटी पहनी हुई थी, जिसमें से उसके चूचे कुछ ज्यादा ही दिखाई दे रहे थे. थोड़ी देर में मेघा और संजय आ गए तो सविता गेट खोलने गई. “ओह.. मेघा कितने दिन बाद मिली हो.” “हाँ..” “बहुत सेक्सी लग रही हो.” “थैंक्स..” “तेरा फिगर भी मस्त हो गया है मेघा. “ओ थैंक्स.. ये मेरा फ्रेंड संजय है.” “ओके तुम ऊपर वाले रूम में मस्ती कर सकते हो.. मेरा बॉय फ्रेंड मेरा वेट कर रहा है.”

मेघा जाने लगी तो सविता ने कहा- मेघा इधर आओ.. तुम्हारे ये कपड़े खराब हो जाएंगे, तुम दूसरे कपड़े पहन लो. “ओके हनी.. संजय, तुम ऊपर जाओ, मैं अभी आती हूँ. “जल्दी आना.” “अरे आ जाएगी.. फिर आराम से मस्ती कर लेना. तुम्हारी पैन्ट देख कर लग रहा है कि सब्र नहीं कर पा रहे हो.” “हा हा हा हा..” “चलो मेघा..”

मेघा और सविता अन्दर आईं तो सविता ने मेघा को एक सेक्सी नाइटी सैट दिया- ये पहन लो डार्लिंग.. सेक्सी लगोगी और इस पर ये शाल ओढ़ कर जाओ, उसके सामने शाल हटाओगी तो उसे झटका लगेगा. मेघा ने अपने कपड़े उतारे नाइटी पहनी और शाल ओढ़ कर चली गई.

नीचे हम मस्ती कर रहे थे और मेघा की लाइव चुदाई सी सी टी वी पर देख रहे थे. मेघा के ऊपर जाते ही संजय बोला- ये शाल क्यों ओढ़ा है? “लो उतार देती हूँ.” “आह्ह क्या सेक्सी माल लग रही हो.”

संजय मेघा को बांहों में लेकर किस करने लगा. “उम्म्म्म उम्म्मम्म..” “उम्म्म्म उम्म्मम्म..” “ये क्या यार मेरी जांघों को क्यों सहला रहे हो?” “अच्छा नहीं लग रहा क्या?” “ऐसा तो नहीं कहा मैंने.”

संजय ने किस करते हुए कमर से बेल्ट ओपन करके मेघा की नाइटी उतार दी, पर ये सिक्स पीस नाइटी थी, तो नीचे स्लीवलेस और साइड कट वाला पार्ट था.

संजय उसे बेड पर लिटा कर चूमने लगा. “रुको.. पहले तुम कपड़े उतार लो.” “ठीक है..” संजय अंडरवियर में आ गया.

फिर उसने मेघा के कंधों पर से नाइटी के टॉप को खोल दिया. नाईटी के टॉप के खुलते ही मेघा ब्रा पेंटी में आ गई. “मेघा अब कंट्रोल नहीं हो रहा.. अब चुदाई करने दो न.” “ठीक है कर लो न.. मना थोड़े किया है.”

संजय मेघा के मम्मों को ब्रा के ऊपर से चूसने लगा. “ऊपर से ही चूसने थे तो पार्क में ही चूस लेते न.” “अछह्ह्ह्हा..”

संजय ने मेघा की ब्रा पेंटी उतार के मम्मों को चूसना शुरू किया. उसको हर जगह चूसा और फिर दोनों 69 में आ गए. अब उन्होंने एक दूसरे के लंड चूत को चूसना शुरू कर दिया. “आआआह.. स्स्सस्स्स्स.. काटो मत प्लीज..”

संजय ने मेघा को खड़ा करके उसका एक पैर बेड पर रख दिया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाल कर उसे चोदने लगा. “आआह.. संजू उम्मम्म.. कितना हसीन है ये पल..” “उम्म्म्मम्म तुम कितनी हॉट हो यार.” “तुमने ही मुझे इतना हॉट बनाया है.” “पहली बार जब किया था तो डर था, पर अब मजा आ रहा है.”

कुछ देर धकापेल के बाद मेघा कराहने लगी “आआअ मेरा पानी निकलने वाला है.. स्स्स्सस्स्स्स धीरे आआह..” मेघा झड़ गई.

“मेघा मेरी जान.. अभी मेरा नहीं निकला.” “मुझे तुम्हारा लंड चूसने का मन कर रहा है.” “अच्छा ठीक है.. लो आराम से प्यार से चूसना.”

मेघा ने लंड चुसाई शुरू कर दी. “आआअ स्स्स्सस्स्स्स… उम्म्म्म.. बहुत टेस्टी है.. इसमें मेरी चूत का पानी भी लगा था.. तो अजीब और मस्त स्वाद आ रहा है. आह.. कितना चिकना और टेस्टी है.” “बॉल्स भी चूसो न..” “हाँ उम्म्मम्म उम्म्म्मम्म..” “डार्लिंग अब कभी भी ये फव्वारा छोड़ सकता है.. मुँह में पूरा लेकर चूसो आआआहह.. निकलने वाला है.” “तुम मुँह में पिचकारी छोड़ दो..”

संजय झड़ गया- आह.. मेघा बहुत मजा आया..” “मुझे भी संजू..” इसके बाद दोनों नंगे लेटे रहे और सो गए.

मेघा थोड़ी देर बाद उठी. उसने संजय को साइड में करके चादर लपेट के बाथरूम में जाते हुए संजय को तिरछी नजरों से देखा और चादर को गिरा कर बाथरूम में घुस गई.

संजय ये देख कर फिर से गरम हो गया और वो भी अन्दर चला गया. दोनों जब बाहर आए तो दोनों एक दूसरे से लिपटे हुए थे और किस कर रहे थे. “उम्म्मम्म स्सस्स.. आआआह.. धीरे संजू धीरे आआआ स्सस्सस्स.. बूब्स चूसो ना.. आआहह..” “बहुत हॉट हो तुम यार..” “आआअ स्स्स.. बूब्स चूसो मेरे आआअह.. काटो नहीं आआह.. तुम्हारी ही हूँ.. आराम से करो न आआहह..” “बहुत मजा आ रहा है..” “हां संजू तुमने तो बूब्स पर काट काट के निशान बना दिए… नाख़ून मार दिए आआआह.. देखो लाल निशान बन गया.”

संजय ने फिर मेघा को गोद में उठा के उसकी चूत में लंड डाल दिया. अब वो उसको फिर से चोदने लगा.

थोड़ी देर बाद सविता ने मेघा को कॉल किया. “ये किसका कॉल आ गया..” “सविता का है आआह..” “हैल्लूऊ.. आआअ स्स्स्स.. हाँ सविता बोल.. आआआ स्स्सस्स्स्स धीरे धीरे कर ना..” “ओहो क्या कर रही है मेरी जान.. बॉय फ्रेंड का अन्दर ले रही है क्या?” “नहीं इस्स्सस्स.. अरे नहीं बस ऐसे ही आआह काटो मत..” “ओहो.. तो चुसवा रही है.. आराम से चुसवा ले..” “आआआअह..” मेघा ने फ़ोन रख दिया.

“आआह.. अब तकिया लगा लो नीचे और लेट जाओ.” मेघा तीन तकिए लगा कर चित्त लेट गई. अब उसकी चूत एकदम साफ नजर आ रही थी. “आआह.. संजू आआह.. धीरे करो ऐसे ही.. आह.. मेरा निकलने वाला है संजू आआह..” “मेरा भी.. ले रानी.. अह.. गया..”

और दोनों एक साथ झड़ गए. “ओह.. त्तुमने अन्दर ही छोड़ दिया.. कुछ हो न जाए..”

थोड़ी देर बाद सविता ने फिर कॉल किया और बोली- नीचे आके कुछ खा पी लो.. “हाँ बस आ रहे हैं.

मेघा और संजू नीचे आ कर जाने लगे.

“ये क्या जा रही हो.. चाय पीके जाना.” “ठीक है.” चाय पीने के बाद मेघा बोली- चल सविता, अब चलती हूँ. “अरे मैं तो 4 बजे फ्री होऊँगी, तुम चाहो तो एक घंटा और मस्ती कर लो.” “अरे नहीं.. अब बस चलेंगे.” “ओके..”

बाहर आकर मेघा ने कहा- अब कहां चलें, घर या फिर सविता ने जैसे कहा वैसे ही करें. संजय मुस्कुराया और मेघा ने वापिस बेल बजा दी. “अब कौन आ गया?” “अरे तू तो जा रही थी न?” “तूने ही कहा था कि एक घंटा और रुक सकते हैं.. तो वापिस आ गए.. नहीं तो तुझे बुरा लगता.” “अच्छा जी.. खुद की खुजली और मुझ पर ताना.. चलो ऊपर चले जाओ.. हा हा हा..” “ठीक है आओ.. संजय चलो ऊपर.”

ऊपर आ कर संजय- मुझे गोद में लिटा लो. “ठीक है आके लेट जाओ..” “अब दूध पिलाओ..”

मेघा ने टॉप ऊपर कर लिया और वो मम्मों को चूसने लगा. “आआअ स्स्स.. बड़ा आराम मिल रहा है..” “उम्माह.. तुम सीने पर उंगलियां चला रही हो.. तो और मजा आ रहा है.” “उई.. तुमने पहले मेरे बूब्स पर काट लिया था न.. अब जीभ फेर रहे हो तो बहुत आराम मिल रहा है.” “अच्छा जीभ से आराम मिल रहा है.. तो लो मेरी जीभ का मजा लो..” “तुमने जांघ पर भी काटा था वहां भी जीभ फेरो.. आआअह..” “स्कर्ट को ऊपर करो..” “लो.. आह.. स्सस्सस्स..”

“तुम लंड पकड़ लो और सहलाओ..” “ज़िप तो खोलो..” “लो.. खोल दी.” “ये तो फिर से खड़ा है..” “हाँ ये तुम्हारी चूत में जाकर ही बैठेगा.” “पहले बाथरूम से एक तौलिया ले आओ.” “ठीक है.”

संजय जब तौलिया लेकर आया, मेघा पूरी नंगी होकर दोनों हाथ पैर फैला कर लेटी थी. “संजय अच्छी लग रही हूँ क्या.. आओ मुझमें समां जाओ.”

संजय जाकर मेघा के पैरों को चूमने लगा उसकी जाँघों को भी सहलाने लगा. “इस्सस्सस्सस..” संजय मेघा की चूत के आस पास जीभ फेरने लगा. “उम्म्म.. उम्म्म्म स्स्स्स.. अच्छा लग रहा है स्स्स्स.. और चूसो..”

संजय नाभि में जीभ डाल के चूसने लगा साथ ही निप्पल उमेठने लगा. “उम्म्म्मम्म निप्पल मत मसलो.. दर्द हो रहा है.. स्सस्सस्स चूत चाटो न आआह.. पूरी गीली हो गई है और मत तड़पाओ.. अह.. अब डाल दो अंदर चूत पूरी पनिया गई है.” “ठीक है.. इसे पकड़ कर चूत पर लगाओ.” मेघा ने लंड को अपनी चूत के मुँह पर लगा दिया. “आआआ डालो न..”

संजय ने लंड अन्दर डाला और होंठ चूसने लगा, निप्पल चूसने लगा. “आआ स्स्स्स ओह संजय मैं मदहोश हो चुकी हूँ.. तेज तेज चुदाई करो..” “हाँ मेरी जान आज चोद चोद कर चूत का भुरता बना दूंगा. “उम्म्मम्म जो भी करना है करो.. पूरा निचोड़ दो. वो दोनों मुँह में जीभ डाल कर चूसने लगे.

“स्स्सस्स्स्स उम्म्म्म.. संजू मेरा पानी आने वाला है. “मेरा भी.. कहाँ निकालूं पानी..” “चूत में ही निकालो, पहले भी निकाला था तो मजा आया था.. आह.. आहह.. गई..”

दोनों का पानी निकल गया, संजय उसके ऊपर थोड़ी देर लेटा रहा और फिर कपड़े पहन कर दोनों बाहर आ गए.

“सविता हम चलते हैं ठीक है.” “हाँ ठीक है.. थोड़ी थकी लग रही हो क्या ज्यादा काम किया क्या?” “ही ही ही,,, तुम भी न सविता.. चल फिर मिलने आऊँगी.” “मिलने आएगी या फिर तुझे ऊपर वाला कमरा किराए पर देना पड़ेगा हा हा हा..” “चल पागल.. चलती हूँ.”

उनके जाने के थोड़ी देर बाद मैंने मेघा को कॉल कर दिया कि वो संजय को बाय बोल कर आ जाए तो मेघा आ गई. “तो कैसे रही मस्ती?” “बड़ा मजा आया सविता तुम्हारी नाइटी में देख कर तो वो पागल हो गया था.” “हाँ हम देख रहे थे..”

फिर सविता ने पिज़्ज़ा आर्डर किया. खा पी कर हम लोगों ने आराम किया.

शाम को 7 बजे के करीब सविता और मेघा ने ड्रेस चेंज करके सेक्सी ड्रेस पहन ली. मैंने एक पोर्न मूवी चला दी लेस्बियन मूवी और उन दोनों को मस्ती करने को बोला कि करके देखो, कैसा लगता है. पहले तो दोनों ने मना किया, पर फिर मान गईं और मैं बैठ कर देखने लगा.

सविता ने धीरे धीरे मेघा के कपड़े उतारने शुरू किए और बस ब्रा पेंटी छोड़ी. अब उन्होंने एक दूसरे की गर्दन पर, पेट पर, किस करना शुरू किया. उन्हें देख कर लग रहा था कि सविता को ज्यादा अच्छा लग रहा है.

मेघा ने भी सविता के कपड़े उतार दिए मेघा भी उसके पेट को सहलाने लगी. सविता ने ब्रा के ऊपर से निप्पल मसले तो मेघा के मुँह से सीत्कार निकल गई. दोनों अब मजा ले रही थीं, कभी किस करतीं तो कभी चूचे मसलतीं. मेघा ने सविता की ब्रा पेंटी भी उतार दी और खुद की भी निकाल कर हटा दी. मेघा सरिता की चूत मे उंगली डाल के दाना मसलने लगी “उम्म्मम्म्म्म ओह मेघा..’ “उम्म्मम्म.. मेरे होंठ चूस न.. सावी..’

कुछ ही देर की मस्ती में दोनों की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया. दोनों क्रॉस होकर आपस में चूत रगड़ रही थीं, मम्मों को चूस रही थीं और किस कर रही थीं.

मुझे लगा कि इनको लंड का मजा भी दिलवा दूं तो कमरे में एक लंड जैसा चिकना डंडा था, तो दोनों की चूत के बाच में रख दिया.

दोनों धक्का मार मार कर अपनी अपनी चूत पर रगड़ कर मस्ती करने लगीं.

थोड़ी देर में दोनों का पानी निकल गया. दोनों की ऐसे मस्ती देख के मेरा बुरा हाल था. मेघा ये समझ गई थी तो उसने मुझे पास बुला कर मेरा लंड मुँह में लेकर पानी निकाला. मैं तो सो गया, पर वो बहुत देर तक एक दूसरे से मस्ती करती रहीं.

सुबह उठ कर देखा वे दोनों एक दूसरे से लिपट कर नंगी सो रही थीं. मैंने दोनों को उठाया.. चाय आदि के बाद अलविदा कह कर हम अपने घर आ गए.

दोस्तो, अब शायद जल्दी ही मेघा और मेरी शादी हो जाएगी तो हमें अपनी शुभकामनाएं जरूर दीजिएगा. [email protected]

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