प्रेमिका की चूत चोदने की चाहत

डियर साथियो.. मेरा नाम राहुल है, मैं 27 साल का हूँ, दिखने में एकदम मस्त हूँ.. और मेरा ‘बॉडी लुक’ भी सही है। मेरी हाइट 5.10 फीट है.. जब से मैंने अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ी हैं.. तब से मेरे दिमाग में भी विचार चल रहा था.. कि मैं भी अपनी पर्सनल कहानी इस पर साझा करूँ.. पर टाइम ही नहीं मिल पा रहा था।

मैं अब अपनी कहानी पर आता हूँ। मैं जब स्कूल में पढ़ता था.. तो मेरी क्लास में एक काजल नाम की लड़की थी। शायद वो मुझको चाहती थी.. पर वो मुझको कुछ बोल ना पाई.. मैं भी उसे चाहता था.. पर मैं अपनी मुहब्बत का इजहार उससे कर नहीं पाया।

एक बार हिम्मत करके मैंने उसे खाली क्लास में बुलाया.. उससे बात करता रहा.. मैं उसको ‘आई लव यू’ बोलना चाह रहा था.. पर हिम्मत नहीं जुटा पाया.. और समय का पता ही नहीं चला.. इस तरह आज भी उसे बोल नहीं पाया। फिर दोबारा मैंने सोचा कि एक लेटर, प्रेमपत्र लिख दूँ..

मैंने उसको लेटर लिख कर दे दिया और उसकी तरफ से भी ‘हाँ’ थी। उसके बाद हमने मिलने का प्रोगाम बनाया.. पर बहुत बार कोशिश की.. लेकिन नहीं मिल सके।

उसके बाद एक दिन हम दोनों को रात को मिलने का मौका मिला.. क्योंकि वो मेरे घर के पास ही रहती थी। उसके बाद जब हम दोनों मिले तो बहुत सारी बातें की.. लेकिन मैं उसके साथ अच्छे से ही कुछ करना चाहता था।

इस तरह हम दोनों ने कुछ किया ही नहीं और उसके पास लेटा रहा। धीरे से एक बार किस किया.. और उसके मम्मों को भी दबाया। क्या मस्त मम्मे थे उसके.. लेकिन मैंने ऐसा किया.. तो वो गुस्सा हो गई और मुझसे बोली- मैं आप से बात नहीं करना चाहती हूँ। मैंने आप पर इतना विश्वास किया और आपने मेरे साथ ऐसा किया।

जबकि मैंने ऐसा तो कुछ किया ही नहीं था। मैंने उसको समझाया- दुबारा ऐसा नहीं करूँगा.. जो तुम्हें बुरा लगे।

उसके बाद वो वहाँ से चली गई और घर पर मैंने हाथ से अपना काम किया.. इसमें मुझको मज़ा तो आ रहा था.. पर उसको चोदने का भी मन कर रहा था। लौड़े को हाथ से हिला कर मैं सो गया था।

अब मैं दुबारा मौके की तलाश में था। दुबारा मौका मिला और ऐसा लगा कि इस बार उसको चोदने का टाइम भी आ गया। दुबारा मिलने का समय हुआ और मैं रात को उसके पास दुबारा गया, मैं उसके पास लेट गया और मैंने उससे रिक्वेस्ट की- प्लीज़.. एक बार हाथ लगा लेने दे..

काफ़ी रिक्वेस्ट के बाद वो मान गई। पहले मैंने उसके मम्मों को ऊपर से ही दबाया.. फिर उसकी सहमति देख कर अन्दर हाथ डाल कर उसके चूचों को धीरे-धीरे से सहलाने लगा।

फिर मैंने उसकी सलवार के अन्दर हाथ डाल दिया.. तो उसकी बुर पर हाथ लगा दिया, उसकी मर्जी जान कर मैंने उसकी बुर में धीरे से उंगली करना चालू कर दी। वो अपनी आँखें बन्द करके मज़ा ले रही थी।

अब तक मेरा लंड भी पूरा तैयार हो गया था। मैंने उससे बोला- एक बार मुझको तेरी चूत में लंड डालना है। तो उसने कहा- सिर्फ़ हाथ लगाने की बात हुई थी.. सिर्फ हाथ से कर लो.. और कुछ नहीं..

फिर मैंने उसकी सलवार को खोल दिया, चूत पर निगाह डाली तो देखा क्या मस्त चूत थी.. दोस्तो बिल्कुल छोटी लड़की की तरह जरा सी फांक देख कर मेरी तो हालत खराब हो गई।

वास्तविकता में पहली बार किसी लड़की की कसी हुई चूत जो देखी थी। मैंने उससे रिक्वेस्ट की- एक बार डालूँगा.. उसके बाद कभी भी नहीं.. पर वो राजी नहीं हो रही थी।

फिर मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रखा और जीभ से उसे मस्त करने के लिए चाटने लगा, उसको भी इसमें मजा आ रहा था। फिर मैंने मौके का फ़ायदा उठाने की कोशिश की, मैंने सोचा कि इसकी चूत में लंड डाल दूँ.. इसका सामान गरम है..

मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखा और वो देखते ही उठ कर बैठ गई और मना करने लगी। मैंने उससे पूछा- क्या हुआ? तो वो बोली- इतना बड़ा.. मेरी चूत छोटी सी है… ये तो फाड़ देगा..

वो लण्ड लेने के लिए बिल्कुल ही तैयार नहीं हुई, मैंने भी कोई जबरदस्ती नहीं की। साली चिल्ला पड़ती तो गड़बड़ हो जाती.. क्योंकि उसके घर वाले नीचे ही सो रहे थे। मैंने बहुत कोशिश की.. पर वो मना करती ही रही थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

दोस्तो मेरा लंड काफ़ी बड़ा है.. मुझे भी वैसे तो डर लग ही रहा था कि इतना बड़ा मूसल इसकी चूत में कैसे अन्दर जाएगा। वो भी लेने को तैयार नहीं थी। बात नहीं बनी और बस अपना हाथ जगन्नाथ.. करके रह गया।

उसके बाद उससे कभी मुलाक़ात नहीं हुई। उसने कहीं और एड्मिशन ले लिया और मैंने भी इंजीनियरिंग कॉलेज में एड्मिशन ले लिया।

मैंने बहुत ट्राई की उससे मिलने की.. लेकिन अभी तक उसका पता नहीं चल पाया है कि वो है कहाँ पर।

दोस्तो से पता चला वो हैदाराबाद में डॉक्टर है.. पर अभी कोई कन्फर्म जानकारी नहीं है कि वो कहाँ है।

दोस्तो, मैं अभी तक उसकी याद में जी रहा हूँ.. पर उसका कुछ पता नहीं है। यह कहानी शायद उस तक पहुँच जाए। [email protected]