प्रेमिका की चूत चुदाई उसके घर में

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तो दोस्तो, एक बार फिर आप सब के सामने आपका प्यारा शरद इलाहाबाद से एक नई कहानी के साथ हाजिर है। लेकिन इस बार मेरे एक फैन ने काफ़ी आग्रह किया कि उसकी एक कहानी है जिसको अन्तर्वासना के प्रसंसको के साथ शेयर करना चाहता है तो मैं उसकी बात को ध्यान में रखते हुए इस कहानी को अपने शब्दों में पिरो रहा हूँ। कहानी पर मेरे साथ साथ उसे भी नीचे दी हुई मेल आईडी में अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं। तो मैं अपने उस फैन की कहानी अपने शब्दों के साथ उसकी जुबानी बता रहा हूँ।

दोस्तो कैसे हो आप! मेरा नाम राज पटेल है, मैं गुजरात से हूँ। यह मेरी पहली कहानी अन्तर्वासना में है। उम्मीद करता हूँ कि आप लोगों को जरूर पसंद आयेगी।

बात उन दिनों की है जब मैं एक बड़ी कम्पनी में जॉब करता था और जिस जगह कम्पनी ने मुझे ठहरने की व्यवस्था दी थी उसी फ्लैट से आगे दूसरे फ्लैट में वो रहती थी, उसका नाम पायल है, उसका फिगर 36-34-32 है, देखने में बहुत ही सुन्दर लगती है। अक्सर हम लोगों की मुलाकात हो जाया करती थी या यूं कहें कि हम लोगो की नजरें आपस में दो चार हो जाती थी और नजरें मिलने पर हम लोग एक दूसरे को स्माईल भी दे देते थे।

इस तरह गुजरते दिनों के साथ-साथ हम दोनों में थोड़ी बात भी शुरू होने लगी। जैसा कि आप सभी लोगों को पता होगा कि हमारे गुजरात में नवरात्रि बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। तो हुआ यों कि वो दिन नवरात्रि का अन्तिम दिन था इसलिये लोग नवरात्रि के अन्तिम दिन गरबा खेलने के लिये मेरे कालोनी के पास पार्क में इकट्ठे हुए थे। मैंने उस दिन दोस्तों के चक्कर में कुछ ज्यादा पी ली थी। उस गरबा में वो भी आई थी। हालाँकि वो जीन्स और टी-शर्ट में आई थी फिर भी मुझे वो बहुत मस्त लग रही थी, शायद ये मेरे पीने के बाद का सरूर रहा हो।

खैर! गरबा खत्म होने के बाद जब डांडिया खेलने की बारी आई तो सभी आये हुए लोग अपने-अपने पार्टनर के साथ डांडिया खेलने लगे लेकिन डांडिया खेलने के लिये उसको कोई पार्टनर नहीं मिल रहा था इसलिये मैं खुद ही उसके पास गया और मेरे साथ डांडिया खेलने के लिये पूछा। तो वो सहर्ष तैयार हो गई और हम लोग डांडिया खेलने लगे। बातचीत में उसने अपनी जिस सहेली का नाम लिया, वो मेरी पहली गर्ल फ्रेन्ड थी, जिसकी अब शादी हो चुकी है। खैर दोस्तो, उसकी कहानी फिर कभी आप लोगों को बताऊँगा।

फिर बातों ही बातों में हमने अपने नम्बर अदला-बदली किया और फेसबुक पर भी हम लोग बाते करते रहे। कुछ ही दिनों में हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हो गये।

एक दिन मैंने उसे प्रोपोज कर दिया और उसने मेरा प्रोपोजल एक्सेप्ट भी कर लिया। अब जब तक रात को दो-तीन बजे तक पायल से बात न कर लूँ तो मै सो नहीं पाता था। इस तरह हम लोगों का दिन और रात कट रहे थे।

एक दिन मैंने पायल को बाहर मिलने के लिये बुलाया तो वो बाहर मिलने में अपनी असर्मथा जता दी, जिससे मुझे बड़ी निराशा हुई। पर अगले पल उसने मुझे बताया कि वो कल घर पर 3-5 बजे के बीच अकेली होगी तब वो मुझे बुला लेगी। मैं उसकी बात सुन कर बहुत ही खुश हुआ और अगले दिन की प्रतीक्षा करने लगा।

अगले दिन उसका फोन आया और मैं उससे मिलने उसके घर चला गया, वो उस वक्त चॉकलेट खा रही थी, उसने मुझे भी चॉकलेट खाने के लिये दिया लेकिन मैंने उसे अपने हाथों से खिलाने के लिये बोला। पायल ने मुझे वो चॉकलेट अपने हाथ से खिलाई, फिर मेरे कहने पर चॉकलेट की एक बाईट को उसने अपने मुँह में दबा लिया और मैं उसके मुँह से चॉकलेट खाने लगा।

चॉकलेट खाते-खाते कब हम दोनों के होंठ आपस में मिल गये पता ही नहीं चला। हम दोनों एक दूसरे के होंठ को चूसते रहे और वो भी मेरा खूब साथ दे रही थी। कसम से दोस्तो, हम दोनों को चूमा चाटी में कब 10 मिनट निकल गये पता ही नहीं चला। उसी चूमा-चाटी में मेरा हाथ कब उसके उरोजों में चला गया पता ही नहीं चला। हम दोनों काफी गरम हो चुके थे और जो भी हरकत हम दोनों करते, उसमें हमसे किसी को ऐतराज नहीं होता, इसलिये मैंने उसके टी-शर्ट को उसके जिस्म से अलग किया और उसकी चूची को उसकी ब्रा के उपर से ही दबा रहा था।

उसके बाद मैंने उसकी जींस भी उतार दी। वो इतनी गर्मा चुकी थी कि वो मेरे किसी भी हरकत का विरोध नहीं कर पा रही थी। अब वो सिर्फ पेन्टी और ब्रा में ही थी, मैं उसकी चूत को उपर से ही सहला रहा था। कब मेरे हाथ उसके ब्रा के हुक की तरफ चले गये और कब उसकी ब्रा उसके बदन से अलग हो गई और कब मैं उसकी नंगी चूची से खेलना लगा, मुझे होश ही नहीं रहा।

मेरे बदन के कपड़े भी उसकी नर्म और मुलायम उँगलियों के आगे नतमस्तक हो गये और मुझसे अलग हो गये। अब हम दोनों केवल चड्डी में थे, वो मेरे नंगे बदन से खेल रही थी और मैं उसके नंगे बदन से खेल रहा था, हम दोनों के हाथ एक-दूसरे की चड्डी के अन्दर थे। वो मेरे लंड को जोर-जोर से सहला रही थी और मैं उसकी चूत को रगड़ रहा था, बीच-बीच में वो मेरे होंठों को काट लेती थी, वो अपने चरम पर पहुँच चुकी थी।

अब मेरे बर्दाश्त के बाहर हो रहा था, मैंने अपनी और उसकी चड्डी को जिस्म से अलग कर दिया और चूमते-चूमते मैं उसकी नाभि तक पहूँच गया। मैंने धीरे से उसे लेटाया और उसकी नाभि को चूमते हुए उसकी चूत के आस-पास की जगह को चूमने चाटने लगा। चाटते-चाटते मैं उसकी चूत को चाटने लगा। क्या महक आ रही थी उसकी चूत से! उसने अपने दोनों टांगों को फैला दिया और मेरे बालों को उसने कस कर पकड़ लिया, मैंने अपनी जीभ उसके चूत के अन्दर तक डाल दी। वो उन्माद में चिल्ला रही थी, जैसे-जैसे में उसकी चूत को चाट रहा था वो अपने चूतड़ उठा उठा कर चूत को चटवा रही थी और चिल्ला रही थी।

फिर अचानक वो शिथिल पड़ गई, उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था, मैंने उसका पूरा रस चाट लिया।

मेरा लंड बहुत टाइट हो गया था, मैंने अपने लंड को उसके मुँह की तरफ किया, लेकिन वो लंड को मुँह में लेने को राजी न हुई। मैंने थोड़ा सा बनावटी गुस्सा दिखाया तो वो मान गई और मेरे लंड को चूसने लगी। फिर हम दोनों 69 की पोजिशन में आ गये। करीब 10 मिनट तक वो मेरे लंड को चूसती रही और मैं उसकी चूत को।

अब मुझसे सहा नहीं जा रहा था तो मैंने उसकी टांगें फैलाई और चूत में लंड को सेट किया और एक जोर से धक्का मारा, वो चिल्ला पड़ी। मैंने तुरन्त ही उसके मुँह में अपना मुँह रख दिया, फिर एक और जोर से धक्का मारा, मेरा 6॰5 इंच का लंड उसकी चूत को भेद चुका था।इस बार उसकी चीख दब गई लेकिन वो मुझसे अलग होने की कोशिश करती रही पर अलग न हो सकी और मैं धीरे-धीरे अपने लंड को आगे-पीछे करता रहा।

अब वो भी मस्त होने लगी, अब मेरी स्पीड तेज होने लगी और वो भी मेरा साथ देने लगी। वो झर चुकी थी पर मेरा साथ दे रही थी। मैं उसके चोदते थक गया था तो मैंने उसे अपने ऊपर आने को कहा वो मान गई और मेरे ऊपर आकर चुदाई करवाने लगी। वो मेरे उपर उछल रही थी मैं उसके चूचे दबा रहा था। उछलती हुई बहुत मस्त लग रही थी वो, ऐसा लग रहा था कि मैं जन्नत में आ गया।

फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में चोदा। वो एक बार और झर चुकी थी और अब मैं भी झरने वाला था, मैंने उससे पूछा कि मेरा निकलने वाला है तो उसने कहा कि तुम अपना पानी बाहर ही निकाल दो। मैंने उसको सीधा किया और अपना पानी मैंने उसके वक्ष के ऊपर छोड़ दिया और उसने मेरे पानी से अपने पूरे चूचों की मालिश की।

हम दोनों बुरी तरह से थक गये थे। थोड़ी देर बाद मैं उसे उठा कर वॉशरूम ले गया, वहाँ पर उसने मेरा लंड साफ किया और मैंने उसकी चूत को साफ किया, वाशरूम में ही हम दोनों ने एक बार फिर चुदाई का खेल खेला, उसके बाद मैं अपने घर आ गया।

तो दोस्तो, यह थी मेरी एकदम सच्ची कहानी! मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे नीचे दिये ई-मेल पर अपनी प्रतिक्रिया भेजें और मुझे मेरे मेल पर ही भेजें। आप।के मेल का मुझे इंतजार रहेगा। धन्यवाद! [email protected] [email protected]

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