मेरा गुप्त जीवन- 150

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फिर रति के कहने के मुताबिक हम चारों कार्पेट पर ही चादरें बिछा कर एक दूसरे की बाहों में सो गए और रात को मुझको याद पड़ता है कि रति और भाभी ने मुझको एक दो बार शायद चोदा था।

अगले दिन जब रति और मैं कॉलेज पहुंचे तो सलोनी और उसकी सहेली रूही हमको गेट पर ही मिल गई। क्यूंकि मेरा पहला पीरियड फ्री था और वो दोनों भी फ्री थीं, मैं उन दोनों को लेकर कैंटीन चला गया और वहाँ चाय पीते हुए हम बातें करने लगे।

सलोनी बोली- सोमू जी, वो ग्रुप सेक्स करने में कुछ प्रोब्लम आ रही है जैसे कुछ लड़कियों को अपनी इज़्ज़त का ख्याल आ रहा है कि कहीं सामूहिक चोदन के बाद उनकी बदनामी ना हो जाए? या बाद में उनके घरवालों को पता ना चल जाए?

मैंने कहा- बिल्कुल सही कह रही हैं वो सब और मैं उनकी सोच से बिल्कुल सहमत हूँ. अब बोलो क्या करें? सलोनी बोली- वो कुछ बहुत अधिक मॉडर्न लड़कियाँ तो तैयार हैं लेकिन वो पहले उन लड़कों से जो आर्गी लिए तैयार हैं के साथ मिलना जुलना चाहती हैं और डेटिंग वेटिंग करना चाहती हैं ताकि वो एक दूसरे को अच्छी तरह से जान सकें और समझ सकें कि क्या वो लड़के उनके लिए योग्य हैं भी या नहीं।

मैं बोला- बिल्कुल ठीक सोच रही हैं वो लड़कियाँ। मेरे ख्याल में सलोनी तुम उन सब को आज मेरी कोठी में बुला लो वहाँ बैठ कर इस विषय में चर्चा भी कर लेते हैं और अगर किसी की मर्ज़ी हो तो वो एक दूसरे को फ़क भी कर सकते हैं, क्यों यह योजना कैसी रही? सलोनी एकदम खुश होती हुई बोली- यह ठीक रहेगा, आज मैं उन सब लड़कियों और लड़कों को आपके घर बुला लेती हूँ और वहीं सब कुछ डिस्कस कर लेते हैं। मैं लंच में आपको बता दूंगी कि कितने लोग हो जाएंगे वो सब! मैं बोला- ओके, फिर मिलते हैं लंच की छुट्टी में!

लंच ब्रेक में हम कोई 7-8 लड़के लड़कियाँ कैंटीन में इकट्ठे हुए और मैंने उन सबसे कहा- एक एक कोक की बोतल ले लि और कॉलेज के गार्डन में आ जाओ, वहीं बैठ कर बात कर लेते हैं। सब कोक की बोतलें लेकर कॉलेज के गार्डन में इकट्ठे हो गये और वहीं घास पर ही सब बैठ गए।

सलोनी ने सबका परिचय दिया और फिर हम संजीदा होकर बातें करने लगे कि कैसे ग्रुप सेक्स को आयोजित किया जाए ताकि किसी को कोई खबर भी ना लगे और सारा काम भी ढंग से हो जाए। मैंने कहा- हेलो फ्रेंड्स, मुझको उम्मीद है कि आप सब ही ग्रुप सेक्स में इंटरेस्टेड हैं?

सबने सर हिला दिया फिर मैंने उनसे पूछा- आप में से कितने आपस में प्रेमी है और अक्सर एक दूसरे से सेक्स करते हैं? प्लीज सब अपने साथियों के साथ बैठ जाएँ। सब लड़के लड़कियाँ अपने अपने साथी के साथ बैठ गए और एक दूसरे का हाथ पकड़ लिया।

मैंने बोलना जारी रखते हुए कहा- आप सब ग्रुप सेक्स के नियम और कायदे से आमतौर पर वाकिफ होंगे। फिर भी मैं आपको संक्षेप में बता देना चाहता हूँ कि इस ग्रुप सेक्स का मुख्य मकसद होता है कि हम सब केवल अपने पार्टनर के साथ ही यौन क्रिया नहीं करते बल्कि सब उपस्थित लड़के लड़कियों को अपना पार्टनर बना कर सेक्स करते हैं। अगर ऐसा करने में किसी को भी कोई दिक्क्त हो या ऑब्जेक्शन हो तो उसको ग्रुप सेक्स में शामिल होने का सोचना ही नहीं चाहिए। क्यूंकि अपने निश्चत साथी के साथ सेक्स करने का मौका तो आप सबको हर समय ही प्राप्त है, अगर आप में किसी को भी इसमें कोई आपत्ति है तो वो अभी भी यह मीटिंग छोड़ कर जा सकता है।

कोई लड़का या लड़की मीटिंग में से जाने के लिए तैयार नहीं हुआ। यह देख कर हम सब मुस्करा पड़े क्यूंकि यह ही ग्रुप सेक्स का मुख्य आधार होता है कि सब अपने पार्टनर को एक्सचेंज करने के लिए पूरी तरह से तैयार हों। मैंने मीटिंग समाप्त करते हुए कहा- वेलकम टू ग्रुप सेक्स टीम!

सलोनी ने जाने से पहले सब युवाओं को बताया कि कल का दिन फिक्स किया है ग्रुप सेक्स के लिए और समय होगा दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक और किसी को भी खाने या पीने की कोई वस्तु लाने की ज़रुरत नहीं है, जो भी खर्चा होगा, उसको बाद में आपस में बाँट लिया जाएगा।

सलोनी बोलना जारी रखते हुए कहने लगी- सोमू की हाउसमेड बड़ी ही माहिर है सेक्स के मामले में, उसको बुला लिया है, अगर किसी को उसकी ज़रूरत पड़े तो उसकी मदद ले सकता है। थोड़ी देर में सब अपने क्लास के लिए चल पड़े सिवाए मेरे और सलोनी के।

मैंने सलोनी को रोक कर कहा- सलोनी डार्लिंग, तुम्हारा कोई पार्टनर नहीं आया क्या? सलोनी मुस्कराते हुए बोली- तुम्हारा भी पार्टनर कहाँ है? मैं तो अब तुम्हारी पार्टनर हूँ, क्यों मंज़ूर है? मैंने सलोनी का हाथ पकड़ते हुए कहा- बिल्कुल मंज़ूर है सलोनी जान… और आज शाम का क्या प्रोग्राम है डियर? सलोनी बोली- मैं तो खाली हूँ, क्या आ जाऊँ तुम्हारी कोठी? मैं खुश होते हुए बोला- ज़रूर आ जाओ, थोड़ी चुदाई की प्रैक्टिस कर लेते हैं।

जब मैं घर पहुँचा तो कम्मो न बताया कि पूनम का फ़ोन आया था कि वो कुछ दिनों बाद आएंगे और पूछ रही थी कि सोमू राजे का लंड कायम है ना और वैसे ही घोड़े की तरह दौड़ता है क्या? मैं हँसते हुए बोला- साली पूनम है बड़ी शौक़ीन माशूका… फिर तुमने क्या जवाब दिया?

कम्मो ने बताया- मैंने कहा कि सोमू राजे का लंड तो घोड़े की तरह हिनहिनाता रहता है तेरे लिए… तू आएगी तो देखना कि कैसे के लपक कर तुझको चोदने के लिए तुझ पर झपट पड़ेगा। फिर वो बोली कि सोमू के लंड को चखने की बड़ी इच्छा है लेकिन भैया भाभी साथ होंगे तो कुछ मुश्किल हो सकती है? मैंने उसको समझा दिया कि तू इसकी फिकर ना कर, हम तेरे को सोमू से चुदवा देंगे जितनी बार तू कहेगी।

हम ये बातें कर ही रहे थे कि सलोनी अपनी कार में बैठ कर आ गई। बैठक में आते ही उसने मुझको एक कामुक आलिंगन में बाँध लिया और मुझको लबों पर चुंबनों की झड़ी लगा दी और फिर मुझको छोड़ कर वो कम्मो से भी लिपट गई और उसको भी खूब चूमा चाटा।

फिर मैं सलोनी को लेकर अपने बैडरूम में चला गया और साथ में ही कम्मो को भी इशारे से कहा कि वो भी आ जाये। मैं और सलोनी एक दूसरे को चूम ही रहे थे लेकिन मैंने अपने साथ कम्मो को भी शामिल कर लिया और उसके मोटे गदाज़ चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा।

सलोनी ने आगे बढ़ कर सबसे पहले मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए और कम्मो सलोनी के कपड़े उतारने लगी। सलोनी दिखने में बहुत ही ज़्यादा सेक्सी और कामुक थी और जैसे वो पूर्ण तौर पर नंगी हुई उसके खूबसूरत जिस्म की चमक से कम्मो भी बहुत प्रभावित हुई और उसने झट उसके मुम्मों पर कब्ज़ा कर लिया और मैंने उसके गीले होटों पर अपने होटों को रख कर अपनी जीभ को उसके मुंह के अंदर डाल कर एक अच्छा खासा चुसम चुसाई का खेल शुरू कर दिया।

मेरा एक हाथ उसकी चूत के अंदर उसकी भग को सहला रहा था और दूसरे को उसकी गांड में डाल रखा था। सलोनी का भी एक हाथ मेरे सटीक खड़े लंड को मुट्ठी बना कर आगे पीछे कर रहा था। कम्मो भी अब सलोनी के मोटे गोल मुम्मों को चूसने और उसके निप्पलों के साथ खेलने में व्यस्त थी।

सलोनी अब मुझको खींच कर बेड की तरफ ले जा रही थी और मैं उसकी पनियाई चूत को चोदने के लिए व्यग्र हो रहा था। सलोनी ने मुझको बेड पर सीधा लिटा दिया और खुद एक कूद मार कर मेरे ऊपर विराजमान हो गई और कम्मो उसके पीछे बैठ कर उसके मुम्मों के साथ खलने लगी और सलोनी मुझको ऊपर से चोदने लगी।

सलोनी इतनी गर्म हो चुकी थी कि वो बिना सांस लिए जल्दी जल्दी ऊपर नीचे हो रही थी और अपनी आँखें बंद कर के चुदाई का आनन्द ले रही थी और मैं उसके चूतड़ों के नीचे दोनों हाथ रख कर उसको और भी तेज़ी के लिए प्रेरित करने लगा।

कम्मो भी उसके पीछे बैठ कर उसके मुम्मों और चूत में स्थित भग को मसल रही थी ताकि सलोनी जल्दी से स्खलित हो जाए। थोड़ी देर की मेहनत के बाद ही सलोनी में छूटने के आसार दिखने लगे जैसे उसका शरीर अकड़ने लगा और उसकी आँखें भी बंद हो गई और उसकी सांस एकदम तेज़ चलने लगी। अब उसकी स्पीड भी बहुत तेज़ हो गयी और वो ओह्ह्ह्ह्ह… हाय… हाय… करते हुए झड़ गई और अपने शरीर को एकदम ढीला छोड़ कर मेरे ऊपर लुढ़क गई।

कम्मो ने भी उसको बिस्तर पर पूरी तरह से लिटा दिया और खुद मुझको चूमने लगी और अपने हाथों से मेरा गीला लंड पकड़ उसको चूमने लगी।

मैंने भी मौका देखकर कम्मो को घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी टाइट पर फूली हुई चूत में अपना अकड़ा हुआ लंड डाल दिया और पूरी स्पीड से उसकी चुदाई शुरू कर दी। मैं कम्मो की रग रग से वाकिफ था सो मैं जानता था कि कैसे और कब वो स्खलित हो जायेगी।

मैं पहले उसको बहुत तेज़ी से चोद रहा था और फिर धीरे धीरे से चुदाई की स्पीड एकदम आहिस्ता करने लगा और फिर एकदम रुक रुक कर उसको चोदने लगा। कम्मो अब खुद ही मुझको अपनी गांड को आगे पीछे कर चुदाई की स्पीड को निर्धारित करने लगी।

मैं कम्मो की गांड पर हल्के हल्के थप्पड़ मारने लगा और मेरे ऐसे करने का लुत्फ़ उठाती हुई कम्मो ने अपनी चुदाई स्पीड एकदम तेज़ कर दी और मैं सिर्फ चुदाई का आनन्द लेते हुए केवल उसकी गांड को पकड़ कर बैठा रह गया।

फिर मेरे लंड ने कम्मो की चूत के अंदर की हलचल को महसूस किया, वो उसके गहरे हिस्से तक चला गया, मैंने उसके चूतड़ों को अपने हाथ में कस कर पकड़ लिया और फिर उसकी आंतरिक सिकुड़न शुरू हो गई और वो मेरे लंड को दोहने की कोशिश करने लगी।

कुछ ही क्षणों के बाद वो पूर्ण तरह से स्खलित हो गई और अपने शरीर को ढीला छोड़ कर बिस्तर पर पसर गई। जब मैंने उसकी चूत में से लंड को निकाला तो एक ज़ोरदार पटाके सी आवाज़ आई और मेरा लौड़ा विजयी सांड की तरह चूत में से सर उठा कर निकल आया और हवा में लहलाते हुए झूमने लगा।

दो दो मस्त सुंदरियों पर विजयी हो कर निकला था सो उसका लहलहाना वाजिब ही था। अब मैं मज़े में उन दोनों काम की देवियों के बीच में आराम फरमा रहा था।

सब से पहले सलोनी ने आँख खोली और अपनी मस्त नशीली आँखों से मेरे अभी मस्त लौड़े को लहलहाते देखा और ज़ोर से हुंकार भरी और बोली- ज़्यादा मत इतरा बे, मैं जल्दी ही तेरा घमंड तोड़ के रख दूंगी। समझा के नहीं साले? मैं भी मुस्कराते हुए बोला- ऐ घमंडी लड़की, तू पूरा दम लगा ले, यह तेरे सामने या फिर तेरे जैसी दर्जनों कड़क लड़कियों या औरतों के सामने कभी भी सर नहीं झुकाएगा, ऐसा मेरा मानना है।

यह कह कर मैंने सलोनी और कम्मो को अपनी बाहों में ले कर एक पूरी तसल्ली वाली जफ्फी मारी और उन दोनों का धन्यवाद किया।

थोड़े समय के आराम के बाद कम्मो बोली- सलोनी, क्या तुमने हर लड़की को यह समझा दिया है कि उनको चुदाते हुए गर्भवती होने के खतरा हर समय रहेगा। क्या वो इस संभावना से परिचित हैं? सलोनी ने थोड़ा घबराते हुए बोला- नहीं कम्मो दीदी, इस संभावना की और तो हमारा किसी का ध्यान गया ही नहीं?

कम्मो बोली- वो तो ठीक है, लेकिन इसका कुछ तो उपाय करना पड़ेगा? सलोनी बोली- मुझको कुछ समझ ही नहीं कि इसके बारे में क्या करें अब?

कम्मो बोली- अरे तुम लड़कियाँ इतने दिनों से खतरनाक तरीके से सेक्स करती रही हो? शुक्र करो आप में से कोई भी लड़की माँ बनने के जाल में नहीं फँसी नहीं तो ना सिर्फ आप लोगों की बदनामी ही होती बल्कि जीवन को खतरा बन सकता था। सलोनी अब घबरा गई और रोनी सूरत बना कर पूछने लगी- कम्मो दीदी, तुम्ही बताओ क्या करें जिससे सब लड़कियों की हानि ना हो?

कम्मो कुछ सोचते हुए बोली- कल जब ग्रुप सेक्स शुरू होगा, उससे पहले मैं सब लड़कियों को समझा दूंगी और कुछ उपाय भी कर दूंगी, तुम घबराओ नहीं सलोनी डार्लिंग। मैं बोला- लेकिन कम्मो डार्लिंग, उन लड़कों का क्या होगा जिनकी चुदाई का समय बहुत ही कम होगा यानि वो शीघ्र पतन के शिकार होंगे और जल्दी ही घुड़सवारी से गिर जाएंगे?

कम्मो बोली- उनका भी इलाज मेरे पास है, खेल शुरू करने से पहले मैं उनका भी कुछ उपचार कर दूंगी। सिर्फ आपको उन सब लड़कों को मेरा बताया हुआ उपचार करने के लिए बाध्य करना पड़ेगा। बोलो हाँ? मैं और सलोनी बोली- हाँ जी हाँ!

कहानी जारी रहेगी। [email protected]

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