मेरा गुप्त जीवन- 152

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

सबने जाते हुए अपने टेलीफोन नंबर एक दूसरे को बता दिए और यह वायदा भी किया कि फिर ज़रूर मिलेंगे। मैंने कम्मो को बोला- तुम रिक्शा करके घर पहुँचो, मैं डायना को अपनी बाइक पर लेकर घर आता हूँ। मैं जब अपनी कोठी पहुंचा तो शाम का झुटपुटा हो चला था और पारो हमारे लिए कोक की बोतलें खोल कर ले आई।

थोड़ी देर में कम्मो भी आ गई और कुछ देर आपस में औपचारिक बातें करने के बाद डायना बोली- काफी बड़ी कोठी है आपुकी सोमू जी, और बाहर काफी बड़ा लॉन भी है, बहुत ही सुंदर और मन मनमोहक फूल भी लगा रखे हैं आपने… वाह! बड़े सुन्दर दिख रहे हैं। क्या मैं आपका लॉन देख सकती हूँ? मैंने कहा- हाँ हाँ, क्यों नहीं, चलो मैं भी चलता हूँ आपके साथ!

हम निकल ही रहे थे कि कम्मो ने डायना से पूछ ही लिया- मैडम, क्या आप हमारे यहाँ खाना खाना पसंद करेंगी? मैं भी बोला- हाँ खाना खाकर जाना तुम, वैसे तुम कहाँ रहती हो? डायना बोली- मैं यहाँ पास में ही एक लड़कियों का हॉस्टल है, वहीं रहती हूँ… वैसे आप खाने का तकुल्फ ना करें, मैं हॉस्टल में खा लूंगी। मैं बोला- तकुल्फ कैसा डायना, यू आर वेलकम!

मैं और डायना कोठी के लॉन में चले गए और वहाँ की ठंडी हवा का लुत्फ़ उठाने लगे। घूमते हुए मैंने डायना को कोठी का सारा लॉन घुमा दिया और सुन्दर फूलों की क्यारियाँ देख कर वो बड़ी ही खुश हुई। हमारे लॉन में कई ऐसे झुरमट और घने पेड़ लगे हुए थे जहाँ अगर अँधेरे में कोई छिप जाए तो पता ही नहीं चलता था कि वहाँ कोई छुपा हुआ है।

अब अँधेरा काफी घना हो गया था, मैंने मौका देख कर डायना को एक पेड़ के पीछे पकड़ कर अपनी बाहों में बाँध लिया और साथ ही उसके गुलाबी होटों पर एक मस्त किस जड़ दी। डायना ने भी मेरी चुम्मी का भरपूर जवाब दिया और अपने लबों को मेरे लबों से चिपकाए रखा।

डायना ने एक बहुत ही पतली सी स्कर्ट पहन रखी थी जो उसके घुटनो तक ही पहुँच रही थी और पतला सा लाल ब्लाउज ही पहन रखा था जो उसके गोरे शरीर पर बहुत ही सुन्दर लग रहा था। चुम्बन करते हुए मैं एक हाथ से उसके नितम्बों को सहला रहा था और ऐसा करते हुए मुझको उसकी पैंटी महसूस हो रही थी। डायना का भी एक हाथ मेरे खड़े लौड़े पर टिका हुआ था।

चुम्बन का खेल कुछ देर चला फिर मैंने कहा- डायना, क्या तुम यहाँ सेक्स करना पसंद करोगी या फिर कोठी के अंदर चलें? डायना ने एक बहुत ही कामुक चुम्बन देते हुए कहा- वैसे मैंने कभी भी खुले में सेक्स नहीं किया है लेकिन अगर तुम को विश्वास है कि हमको कोई देख नहीं पायेगा तो यहाँ ही करने में बड़ा ही आनन्द आएगा। उफ्फ मम्मी… खुले आम सेक्स करना में कितना मज़ा आएगा यारो!

मैं डायना से आलिंगनबद्ध हुए ही उसको लॉन के पूरे अँधेरे कोने में ले गया और उसकी स्कर्ट को ऊंची करके उसकी पैंटी को नीचे कर दिया और कुछ क्षण अपने लंड को उसके चूतड़ों के बीच में छुपी चूत के मुंह पर रगड़ता रहा। फिर उसको एक घने पेड़ के साथ खड़ा करके मैंने उसकी तरल हो रही चूत में लंड को पेल दिया।

लंड की मोटाई और लम्बाई से वो थोड़ी देर के लिए चिहुंक गई लेकिन मैंने उसकी गांड को अच्छी तरह से अपने हाथों में पकड़ रखा था और फिर धीरे धीरे से चुदाई की लय को बनाते हुए मैंने डायना की चुदाई शुरू कर दी। अब मेरा एक हाथ डायना के गोल और मोटे मुम्मों पर फिसल रहा था और उसकी ब्रा के अंदर से झाँक रहे मुम्मों के चूचुक मसल रहा था।

हल्के धक्कों से शुरू करके मैंने चुदाई की स्पीड धीरे से बढ़ानी शुरू कर दी और डायना ने भी अपने चूतड़ों को हिला हिला कर मेरा साथ बड़ी कामुकता से देना शुरू कर दिया। हम दोनों चुदाई में एकदम से इतने तल्लीन थे कि जान ही नहीं सके कि कब कम्मो आकर हमारे पीछे खड़ी हुई हमारी चुदाई का आनन्द ले रही थी।

जब मुझको महसूस हुआ कि कोई हमारे पीछे खड़ा है और हमारी चुदाई का मज़ा ले रहा है तब तक डायना का छूटने का कार्यक्रम शुरू हो गया था और वो आखरी धक्के के बाद आहिस्ता से काँपने लगी और अपने मुम्मों को अपने हाथों से भींचने लगी। उसकी आँखें मुंदी हुई थी और उसकी चूत में खुलने और बंद होने की हलचल शुरू हो चुकी थी।

फिर वो एकदम से मुड़ी और उसने मुझको अपनी कोमल बाहों के घेरे में लेकर एक शुकराना जफ्फी मारी। जब वो जफ्फी मार रही थी, तभी उसकी नज़र मेरे पीछे खड़ी कम्मो पर पड़ी और वो एकदम से चौंक पड़ी और अपने कपड़े संभालने लगी लेकिन मैंने उसके हाथ को रोक दिया और कहा- डरो मत डायना डार्लिंग, यह तो अपनी कम्मो है।

यह सुन कर डायना थोड़ी संयत हुई और तभी कम्मो ने अपने साथ लाई हुई चादर को नीचे बिछा दिया और कहा- आ जाओ, दोनों यहाँ बैठ कर थोड़ा सुस्ता लो, मैं आप दोनों के लिए यह लाजवाब शर्बत भी लाई हूँ जिसको पीकर तुम दोनों फिर से तैयार हो जाओगे।

डायना मेरे और कम्मो के बीच में अधनंगी ही बैठ गई क्यूंकि उसने अपनी पैंटी को उतार दिया था और अपनी स्कर्ट को भी ऊपर कर दिया था और अब वो अपने ब्लाउज को भी खोल रही थी। उसके शरीर पर एक ब्रा ही रह गई थी जिसको मैंने पीछे से उसके हुक को खोल कर उतार दिया था और डायना अब एकदम अपने चमकते हुए सफ़ेद शरीर के साथ रात की चांदनी में दमक रही थी।

उसने हाथ बढ़ा कर मेरी पैंट को उतार दिया और मेरे लौड़े को हाथ में पकड़ कर उसके साथ खेलने लगी थी। फिर उसने मेरे लौड़े को अपने मुंह में ले कर चूसना शुरू कर दिया और कम्मो ने उसकी उठी हुई गांड और चूत को मसलना शुरू कर दिया। कम्मो ने फिर अपना मुंह उसकी चूत पर रख कर उसकी चूत के लबों को चूसना और चाटना शुरू कर दिया।

डायना और भी ज़्यादा गर्म हो चुकी थी और वो बार बार अपनी गांड को हिला हिला कर कम्मो को इशारा कर रही थी वो चुदने के लिए तैयार है। कम्मो भी अपने पूरे कपड़े उतार चुकी थी और उसके गोल मोटे और सॉलिड मुम्मे अधखिले चाँद की चांदनी में दमक रहे थे।

उधर डायना के सफ़ेद शरीर में उसकी चूत पर छाये काले बाल चांदनी में चमक रहे थे और एक खासा सेक्सी नज़ारा पेश कर रहे थे, जैसे सफ़ेद चाँद में काला दाग़ होता है, वैसे ही डायना के काले बाल उसके शरीर पर बहुत अधिक कामुक दृश्य उपस्थित कर रहे थे।

उसकी चूत पर हाथ लगाने पर देखा तो वो बहुत ही ज़्यादा पनिया रही थी और मैंने उससे पूछा- अब कैसे चुदवाने की मर्ज़ी है क्वीन एलिज़ाबेथ? वो भी शरारती ढंग से बोली- क्वीन तो हमेशा ऊपर से ही चुदवाती है… तुम लेट जाओ और मैं तुमको ऊपर से फक करती हूँ। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैं चुपचाप लेट गया, वो झट से मेरे ऊपर आई और अपनी चूत को बाहर से मेरे लौड़े से रगड़ा और फिर दोनों टांगों के बल बैठ कर अपनी गीली चूत में मेरा खड़ा लंड डाल लिया। धीरे से पूरा बैठने पर मेरा लौड़ा धक्क से सारा अंदर चला गया और वो मेरी छाती पर दोनों हाथ टिका कर आँखें बंद करके मस्त ऊपर नीचे होने लगी।

कम्मो भी उसके पीछे बैठ गई और अपने मुम्मे उसकी पीठ से रगड़ने लगी और अपने हाथों से उसके मुम्मे सहलाने लगी। मैं अपने दोनों हाथ अपने सर के नीचे रख कर मस्ती से गोरी चुदाई का आनन्द लेने लगा और कभी कभी नीचे से हल्का सा तुनका मार देता ताकि सनद रहे कि मैं अभी सोया नहीं।

धीरे धीरे आनन्द लेती हुई डायना अब अपनी चरम सीमा पर पहुँच रही थी और उसकी उठक पठक अब बहुत ही तेज़ हो गई थी और उसी के बराबर कम्मो ने भी उसके मुम्मों की चुसाई तेज़ कर दी और मेरी ऊँगली भी उसकी भग को मसल रही थी। इस तीन गुना हमले से डायना की चूत जल्दी ही पिंघल गई और वो कांपती हुई मेरी चौड़ी छाती पर पसर गई।

जब वो मेरे ऊपर से उतरी तो उसकी जगह झटसे कम्मो ने ले ली और वो भी मुझ को मस्त पगली की तरह चोदने लगी। काफी देर से चुदाई के माहौल में रहने के कारण उसकी कामुकता बड़ी तीव्र हो चुकी थी और वो बड़े ही बेरहमी से मेरे को चोद रही थी और उसकी इस बेरहमी का मुझको बहुत ही आनन्द आ रहा था।

अब थोड़े ही समय में वो भी मैदान-ए- जंग में ढेर हो गई और मुझ को बेतहाशा चूमने लगी जैसे मेरा लाख लाख शुक्रिया अदा कर रही हो!

हम तीनों तगड़ी चुदाई के बाद एक दूसरे के गले में बाहें डाल कर लेटे थे। डायना मेरे खड़े लौड़े के साथ खेल रही थी और मैं भी उसकी और कम्मो की चूतों में ऊँगली डाल कर उनकी चूत की काली ज़ुल्फों के साथ खेल रहा था।

तभी ऐसा लगा कि वहाँ कोई काले कपड़ों में एक साया सा आया है जो मेरे सर के ऊपर आकर खड़ा हो गया था। मैं चौंक गया और आहिस्ता से बोला- कौन है वहाँ?

तभी वो साया मेरे सामने आया और धीमी लेकिन कड़क आवाज़ में बोला- सब चुपचाप लेटे रहो, नहीं तो एक एक को भून कर रख दूंगा।

कहानी जारी रहेगी। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000