चाण्डाल चौकड़ी के कारनामे-14

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

मैं- जब मैं तेरी भाभी के नंगे बदन पर लेटा था तो तूने आकर कहा था कि क्या आप मेरे शरीर से ऐसे ही खेल सकते हो? क्या तुम अपने भाई भाभी और सहेली जैसी बहन के सामने मेरे बदन के साथ यही खेल खेल सकती थी? शिखा- हाँ शायद!

नीलेश गुस्से से- शायद नहीं !! पक्का बता कि हाँ या ना? शिखा आँखें तरेरते हुए- हाँ… नेहा- तुझे भी प्रूव करना पड़ेगा कि तू ऐसा कर सकती है। शिखा- मैं तैयार हूँ।

मैं- तो फिर देर किस बात की है आजा मेरी बाँहों में… तेरी भाभी ने मुझे गर्म कर दिया, तेरे बदन से अपनी गर्मी शांत कर लूंगा। मैं काम वासना में इतना बह चुका था कि मुझे यह समझ नहीं आ रहा था कि मैं किसके सामने क्या बोल रहा हूँ। लंड पूरी तरह अकड़ चुका था और उसे केवल एक चूत की दरकार थी।

नेहा- आप तो ऐसे बोल रहे हो जैसे आप अपनी बहन को सबके सामने प्यार कर सकोगे? मैं- मैं ये सब कुछ नहीं मानता, अगर मेरी बहन को मेरी ज़रूरत है और मैं उसे पूरा कर सकता हूँ तो बस कर दूंगा। सारे रिश्ते हम लोगो ने यही धरती पर आकर अपनी सुविधा के लिए बना लिए है। बाकी एक लड़की और एक लड़का एक दूसरे की ज़रूरतों को शांत कर लेना चाहिए।

शिखा शरारती मुस्कान के साथ- नेहा अगर तुझे भी कोई ज़रूरत हो तो तुम मुझे ज्वाइन कर सकती हो।

इतना बोलते हुए शिखा मेरी तरफ बढ़ी और आकर मेरी टांगों के बीच बैठ गयी। उसने आते ही मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहलाना शुरू कर दिया था, फिर उसने जल्दी ही मेरी अंडरवियर को उठाकर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और अपनी हथेली के बीच रखकर मेरे लंड की खाल को ऊपर नीचे करने लगी।

नेहा हमारी तरफ बड़ी गौर से देख रही थी, मैंने अपनी गांड उठा रखी थी जिससे मेरे जांघिए को उतारा जा सके। पर अभी शिखा की चुदाई का उतना अनुभव नहीं था इसलिए वो सिर्फ मेरे लंड को हिलाने का काम कर रही थी, मैंने अपने ही हाथ से अपने कच्छे को उतार लिया अब मैं सबके सामने पूरा नंगा था।

मैंने नेहा को भी अपने पास आने का इशारा किया। नेहा सब लोगों की तरफ देखकर मेरे पास धीमे कदमों से बढ़ने लगी। शिखा ने अब मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया था, मेरी आँखें बंद हो रही थी और मैं कोशिश कर रहा था कि मेरी आँखें खुली रहे क्योंकि नेहा को भी तो अपने पास बुला लिया था।

नेहा जैसे ही मेरे करीब आई मैंने उसे अपने बगल में बैठाया और उसके कान को अपने करीब लाया और कहा- तुम भी हमारे साथ आ जाओ और अपनी चूत की आग को बुझा लो। नेहा बोली- हाँ, मेरी चूत में बहुत आग लगी है पर इतने लोगों के सामने हिम्मत नहीं पड़ रही।

मैंने उसके टॉप के अंदर हाथ डाला तो अंदर कुछ नहीं था। मैंने उसके चूचे दबा दिए और पूछा- तुमने अंदर कुछ नहीं पहना? नेहा बोली- पहले सवाल में ही मेरी ब्रा उतरवा ली गयी थी और मुझे वापस दी ही नहीं। मैंने कहा- तुम भी नंगी हो जाओ और आ जाओ, चुदवा लो।

नेहा के टॉप को ऊपर करके उसे नंगा करने की कोशिश करने लगा। नेहा ने अपनी नजरें नीचे करके अपने हाथ उठा दिए जिससे टॉप उतारना आसन हो जाये।

शिखा लंड को मुंह से बाहर निकाल कर बोली- अरे वाह भैया, आज तो आपकी किस्मत बहुत जोरों पर है। नीता भाभी के बदन से खेले, मेरे से लंड चुसवा रहे हो, नेहा को भी लगभग नंगी कर ही दिया है, और मधु भाभी तो आपकी जागीर ही है, उनके साथ तो ये सब आपका हक़ ही नहीं कर्तव्य भी है। आज तो चार चार चूत के मजे कर लिए आपने।

मैंने कहा- नीता तू भी आ जा तूने मुझे उकसा कर छोड़ दिया, यह अच्छी बात नहीं है। मधु तू क्यूँ कोने में कपड़े पहने बैठी है। तू भी आ जा तेरे बदन से खेलने दे। मेरी तमन्ना है कि मेरे आस पास चार चार चूतें हो और मैं सबकी जी भर के चुदाई करूँ।

नीता भी करीब आते आते फिर से नंगी हो गई। मधु भी उठी और कपड़े उतार कर मेरे करीब आ गई, मधु ने आते ही बोला- शिखा हटो और कपड़े उतारो… तब तक राहुल का लौड़ा में चूस लेती हूँ।

इधर बेचारा नीलेश अभी तक कपड़ों में ही था और बैठा बैठा हम सबको चुदाई के लिए तैयार होते देख रहा था। शिखा तीन लड़कियों को पूरी तरह नंगा देखकर अपनी शर्म हया भुला कर बोली- हाँ भाभी। आप चूसो, मैं कपड़े उतार लूँ, अब तो ये कपड़े मुझे काट रहे हैं। मुझे भी आपकी तरह आज़ाद और नंगी होना है।

शिखा खड़े होकर अपने कपड़े निकालने लगी और मधु मेरे लौड़े को चूसने लगी।

नेहा बोली- यार राहुल ऊपर ही चलते हैं न… यहाँ घास में मजा नहीं आएगा। आप तो हम सबके ऊपर रहोगे और हम लोगों को घास मे अपनी कमर छिलवानी पड़ेगी।

मैंने कहा- चलो ऊपर चलते हैं, सब साथ में चलते है और नंगे ही चलेंगे बाद में आकर कपड़े उठा लेंगे। मैं सभी को उसी रूम में ले गया जहाँ आज सुबह मैंने नेहा की चुदाई का उद्घाटन किया था।

नीलेश ने पेग बोतल सिगरेट और चखना पकड़ा हुआ था और हम लोगों के पाँच जोड़ी चूतड़, जिनमें दो उसकी बहनों के थे, देखते हुए पीछे पीछे चल रहा था।

जैसे ही उस कमरे में हम लोग दाखिल हुए, मैंने रिमोट से लाइट्स डिम कर दी और धीमी आवाज़ में म्यूजिक भी ऑन कर दिया।

अब सिर्फ नीलेश को नंगा करना बाकी था, मैंने कहा- नीलेश यार, हम सब नंगे और तू अकेला कपड़े पहना अच्छा नहीं लग रहा। तू भी कपड़े उतार और आ जा, यहाँ नीता तो है जो तेरे बदन से खेल लेगी और तू चाहे तो मधु को भी छू सकता है। जब मैंने तेरी बीवी को छुआ तो तू भी मेरी बीवी को छू सकता है।

नीलेश तो जैसे इंतज़ार में ही था, नीलेश भी नंगा होकर मेरे बिल्कुल बगल में लेट गया। मैंने मधु से कहा- मधु ज़रा मेरे भाई नीलेश के लंड को चूस लो। मधु इतराते हुए बोली- जो हुकुम मेरे आका!

मैंने नीता को आदेश दिया- नीता जाओ अपने पति के मुंह पर बैठ जाओ और अपनी चूत गीली करा के आओ।

मेरी ऐसी बातें नेहा और शिखा को अच्छी भी लग रही थी और उन्हें मेरी हर बात पर दांतों तले ऊँगली दबा लेने जैसा लग रहा था। वो यही सोच रही थी कि ये आदमी किसी से कुछ भी बोलता है वो सब मान जाते हैं बिना सवाल जवाब के!

खैर शिखा फिर से मेरे लंड को चूसने लगी और नेहा को मैंने अपने मुंह पर बैठा लिया और उसकी चूत चाटने लगा। थोड़ी देर बाद मेने नेहा को अपने मुंह से हटाकर बोला- नेहा अब तुम लंड चूसो और शिखा तुम मेरे मुंह पर बैठ जाओ।

दोनों तुरंत अपनी अपनी जगह चली गई। नीलेश ने भी मधु को अपने मुंह पर बैठने के लिए बुला लिया और नीता को लंड चूसने भेज दिया।

अब मैंने देखा कि दोनों ही लड़कियाँ चूत चटवाने के बाद कामाग्नि में लपटों में जल रही थी। इसी का फायदा उठकर मैंने कहा- नीता तुम मेरा लंड चूसो और नेहा तुम नीलेश का!

नेहा की आँखें बड़ी हुई पर नीता ने आँख मार के शायद उसे इशारा किया कि ‘मजे मार यार… ज्यादा सोच मत!’ अब नेहा नीलेश का लौड़ा चूसने लगी और नीता मेरा।

मैंने फिर से कहा- मधु आ जा मेरे मुंह पर बैठ जा और शिखा तू नीलेश के मुंह पर बैठ जा। नेहा की देखा देखी उसने सोचा कि जब नेहा चली गई तो वो क्यूँ नहीं जा सकती, शिखा नीलेश के मुंह पर बैठकर सिसकारियाँ मारने लगी।

अब जब कलई खुल ही गई थी तो मैंने कहा- शिखा अब तुम लेट जाओ और नेहा तुम भी, नीता तुम नेहा के बूब्स दबाना और चूमना, और मधु तुम शिखा के। शिखा के नीचे लेटते ही मैं उसके ऊपर चढ़ गया और अपना लंड शिखा की चूत पर सेट कर दिया। नीता नेहा के सर की तरफ बैठ गई और नेहा के बोबे और होंठों को निचोड़ने लगी। वहीं नेहा के ऊपर नीलेश चढ़ गया और मधु नेहा के करीब और बगल में लेट गई और नेहा के बदन से खिलवाड़ करने लगी।

मुझे तो बिलकुल डायरेक्टर वाली फीलिंग आ रही थी। नीलेश पूरे दिल से भूखे शेर के तरह नेहा की चूत पर बरस पड़ा और झटके से अपना लंड नेहा की चूत में फिसला दिया।

मैंने भी शिखा की चूत में अपना लंड घुसा दिया था, मैंने धक्के लगाते हुए बोला- क्या यार, तुम लोग रोबोट की तरह सिर्फ मेरे अनुदेश का पालन कर रहे हो? दोस्तो, एन्जॉय करो यार… मजे लो… आनन्द उठाओ। नेहा तुम नीता की चूत में उंगली करो, और शिखा तुम मधु के जिस्म से खेलो। क्या सब बात मुझे ही बोलनी पड़ेंगी?

नीलेश बोला- राहुल यार, जब से मैंने शिखा के नंगे बदन को देखा है तब से ऐसी आग लगी है कि बता नहीं सकता। मुझे उसकी चूत में लंड डालना है। नीलेश काफी देर से कुछ नहीं बोला था।

शिखा बोली- आ जा भाई, आ जा… मैंने काफी देर से तेरी आँखों में मेरे बदन के लिए हवस देखी है… तू आजा मेरे ऊपर और नोच डाल अपनी सगी बहन के बदन को! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैं शिखा की चूत से लंड बाहर निकाल चुका था। इधर नेहा के चूत में मैंने लंड डाला उधर शिखा नीलेश के लंड को अपनी चूत में डलवा कर चुदाई के आनन्द के परम सुख को प्राप्त करने की कोशिश में सिसकारियाँ भरती हुई कह रही थी- नीलेश भाई, तेरा लंड कितना अच्छा है। तू अपनी बहन को शादी तक रोज़ चोदना, अपनी बीवी के बगल में सुला लेना मुझे फिर रात भर अपनी बीवी नीता और मेरी चुदाई करना।

शिखा की मदमस्त बातों में सभी मस्त हो गए थे और चुदाई का आनन्द लेने लगे। सभी को बारी बारी से चोदा सब साथ में नंगे ही सोये।

फिर मैं जो सस्ती व्हिस्की लाया था उसको एक टब में निकाल कर सभी को बारी बारी से उस टब में बैठाया जिससे चौड़ी हो गई चूत वापस से सिकुड़ जाये और व्हिस्की से इन्फेक्शन वगैरह का भी डर खत्म हो जाता है।

फिर वापस जाते वक़्त गाड़ी में भी हम लोगों ने बहुत मस्ती की। अब भी हम सब जब मिलते हैं तो मस्ती मारते हैं। समाप्त

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000