मुझे रण्डी बनना है-1
बीते दिनों की बात है, मैं हमेशा की तरह ट्रेन में स…
चाचा का उपहार-1
हाय दोस्तो.. कैसे हैं आप सब। आप सबका मैं बेहद शुक्र…
कानून के रखवाले-3
प्रेषक : जोर्डन चार आदमी खिड़की के रास्ते से सोनिया क…
वो मस्तानी रात….-1
प्रिय मित्रो.. आप सब मेरी कहानी पढ़ते हो, सराहते हो,…
दिल्ली से लखनऊ-1
प्रेषक : रिन्कू प्रिय पाठको, मेरा नाम रिंकू है, मैं …
कानून के रखवाले-8
प्रेषक : जोर्डन इस घटना के बीच मुस्तफा के अड्डे पर: म…
कितने लोगों के नीचे मेरी माँ-1
नमस्कार दोस्तो, आज मैं आपको एक हकीकत बताने वाला हूँ…
कानून के रखवाले-7
प्रेषक : जोर्डन आरती (सफेद सलवार-कमीज़ में)- भाभी जल्…
सावन में चुदाई-2
प्रेषक : विजय पण्डित “आह रे, मर जावां रे… विजय, तुझ…
मुझे रण्डी बनना है-4
मैं तो उसके मुंह से ऐसी रंडी वाली भाषा सुनकर दंग …