देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-1
प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए(यह नाम पाठकों द्वारा सुझ…
कुवां मां डूब जाऊंगी
प्रेषक : जीतू झा दोस्तो। मैं ज़ीत फिर से हाजिर हूँ। …
पति की कल्पना-2
मैं भी मन ही मन में किसी और से चुदवाने के बारे मे…
दोस्ती का उपहार-3
प्रेषक : विनय पाठक मैं आपको अपनी पिछली कहानी में ब…