भीड़ का आनन्द

प्रेषिका : नंगी चूत मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ। जो…

अठरह की उम्र में लगा चस्का-3

“तुम भी ना ! क्या लगता है, मैं इतनी जल्दी उसको सौंप…

अंगूर का दाना-7

प्रेम गुरु की कलम से ‘अम्मा बापू का चूसती क्यों नहीं…

अंगूर का दाना-6

प्रेम गुरु की कलम से प्रथम सम्भोग की तृप्ति और संतुष्ट…

अंगूर का दाना-8

प्रेम गुरु की कलम से मैं अपने विचारों में खोया था …

कैसे कन्ट्रोल करूँ-2

कहानी का पिछ्ला भाग: कैसे कन्ट्रोल करूँ-1 अब तो जीज…

Akho Hi Akho Me

Hello Friends.yeh meri teesri kahani hain .i hope…

जवानी चार दिनों की-2

लेखक : राज कार्तिक “लगता है तुम्हें भी ठण्ड लग रही ह…

जन्मदिन का जश्न

अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार ! आप लोगों के …

समधन का फ़ेमिली प्लानिंग-2

अगले दिन भी मुझे रात में किसी के चलने आवाज आई। चा…