मामी की बुर के मोटे होंठ
यह बात कोई 6 महीने पहले की है लेकिन है बिल्कुल सच्च…
रास्ते में मिली एक हसीना-2
लेखक : जय कुमार मैं कहने लगा- वन्दना, मुझे बहुत भ…
मज़दूर से मिली तृप्ति
निम्न कहानी का पूरा मजा लेने के लिए एक बार पूर्व-प्र…
तुझे मज़ा आयेगा-1
प्रेषक : अनिल मैं अपने कमरे में म्यूजिक सुन रही थी …
फिर दूसरी से कर लेना-5
चतुर्थ भाग में मैंने लिखा था कि किस प्रकार मैं सीमा…
आज मैं बहुत खुश हूँ
मेरा नाम मानसी है। मैंने अपनी कहानी “बहुत प्यार कर…
बैंड बजा डाला
प्रेषक : मस्त कलन्दर दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है अन्…
दिल करता है कि बस
दोस्तो, मेरा नाम समीर है। आज मैं आपको मेरे और मेरी…
जा क्यों नहीं रहा है?
दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का पुराना पाठक हूँ। मैंने अन्…
रास्ते में मिली एक हसीना-1
लेखक : जय कुमार मैं जय कुमार कालबाय हूँ और एक बा…