बाथरूम का दर्पण-3
मेरे होंठ उसके गाल पर थे और हाथ चुची पर! मैंने पू…
Girlfriend Ki Chudai
Hi friend, myself Krishna,aur main ghaziabad ka r…
तन का सुख-1
लेखक : राज कार्तिक यह कहानी मैं आप सब दोस्तों की मा…
इब तो बाड़ दे -1
प्रेम गुरु द्बारा सम्पादित एवं संशोधित प्रेषक – जीत श…
एक अनोखी दुर्घटना
प्रेषक : अनिल वर्मा हेलो दोस्तो, कैसे हैं आप लोग? मै…
Maa Ka Pyar
Hello dosto,mai aapka pyara rajkumar,mein aap sab…
महकती कविता-3
महकती कविता-1 महकती कविता-2 कविता ने लण्ड को फिर …
एक खड़े लंड की करतूत
प्रेम गुरु की कलम से “अच्छा चलो एक बात बताओ जिस मा…
जिस्म की मांग-3
प्रेषिका : लीला एक के बाद जब मैंने दूजे से नाता जो…
Didi Ki Chudai
Hi ,I am rajkumar from Delhi,pehele main aapko me…