आंटी ने सिखाया-4

प्रेषक : अमन वर्मा नमस्ते दोस्तो, मैं अमन वर्मा आपका द…

ट्रेन में धकाधक छुकपुक-छुकपुक-4

प्रेषक : जूजा जी तभी शब्बो बोली- राजा इसकी सील तोड़न…

निदा की अन्तर्वासना-2

इमरान ओवैश मैंने न सिर्फ अपने हाथों को उसकी पीठ पर…

ख्वाहिश पूरी की

दोस्तो, मैं अर्पित सिंह एक बार फिर से अपनी अधूरी प्र…

मेरी चालू बीवी-2

इमरान सलोनी- हाँ…हाँ, मुझे पता चल रहा है कि तुम्हा…

आंटी ने सिखाया-5

प्रेषक : अमन वर्मा थोड़ी देर में आंटी हाँफते हुए बोल…

मेरी चालू बीवी-5

सलोनी- ओके बेबी… अब पीछे से तो हट… जब देखो… कहीं …

खुल्लमखुल्ला चुदाई-1

लेखक : इमरान आपने मेरे द्वारा लिखी कई कहानियाँ पढ़ी…

दरवाजे में दरार

मेरे प्रिय अन्तर्वासना के पाठको, सब से पहले आप लोग व…

ट्रेन में धकाधक छुकपुक-छुकपुक-3

प्रेषक : जूजा जी मुझे अभी भी याद था कि दो छेद मेरे…