धोबी घाट पर माँ और मैं -9
शाम होते-होते हम अपने घर पहुंच चुके थे। कपड़ों के …
बहन का लौड़ा -64
अभी तक आपने पढ़ा.. रोमा ने अपने दिल का हाल टीना को…
बीवी की चूत चुदाई उसके भाई से -1
दोस्तो, नमस्कार.. बहुत दिनों से हम दोनों.. मतलब मैं…
दोस्ती और प्यार के बीच का अहसास-1
हैलो दोस्तो.. वैसे तो मैं अन्तर्वासना बहुत सालों से …
मेरे लण्ड का नसीब -3
अब तक आपने पढ़ा.. कुछ देर बाद हम दोनों बाथरूम में …
मेरा गुप्त जीवन- 17
यह प्रसंग कोई 10 मिन्ट तक चला और तब तक बिंदू की झिझ…
अठरह वर्ष पूर्व दिए गए वचन का मान रखा-2
लेखिका : नलिनी रविन्द्रन अनुवादक एवं प्रेषिका: तृष्णा…
माही के प्यार की प्यास
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा तहे दिल से नमस्कार…
धोबी घाट पर माँ और मैं -14
माँ ने मेरे चेहरे को अपने होंठों के पास खींच कर म…
मैं जन्नत की सैर कराऊँगी -1
दोस्तो, एक बार फिर आप सबके सामने आपका प्यारा शरद एक…