जिस्मानी रिश्तों की चाह-40

सम्पादक जूजा मैंने दो उंगलियाँ आपी की चूत में दाखि…

रेलगाड़ी का सफर

मेरा नाम बबली है और मैं कोलकाता से हूँ. मैं यहाँ …

मामी ने चूत दी तो मैंने ले ली -2

अब तक आपने पढ़ा कि मेरी बड़ी मामी जो मेरी ही उम्र के…

खामोशी: द साईलेन्ट लव-8

अब तक कहानी में आपने पढ़ा कि दोबारा रायपुर पहुंचने…

वो सात दिन कैसे बीते-4

गौसिया स्खलित होने के बाद सनसनाते दिमाग के साथ बेज…

वो सात दिन कैसे बीते-8

अगले दिन शुक्रवार था और आज भी उसकी क्लास थी जिससे व…

कमसिन स्कूल गर्ल की व्याकुल चूत-4

मेरी तरफ से हां का इशारा पाते ही अंकल जी ने मुझे …

मेरे नीग्रो सैंया जी-1

दोस्तो, आज मैं आप सबको मेरी कहानी सुनाने जा रही हू…

खामोशी: द साईलेन्ट लव-5

कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि अपने शहर वापस …

वो सात दिन कैसे बीते-1

साल भर हो गया शायद, मेरी अंतिम कहानी को छपे… ऐसा …