प्रगति की आत्मकथा -4
प्रेषिका : शोभा मुरली उसने बलराम के सुपारे पर थोड़ी…
मर्द की ग़ुलाम
प्रेषिका – शोभा दोस्तो, अन्तर्वासना पर मैंने बहुत कहा…
नेहा की चूत खोली-2
प्रथम भाग से आगे : एक दिन वह फिर अपनी माँ के साथ क…
स्वर्ग का अनुभव-३
प्रेषक : उमेश सबसे पहले तो मैं गुरूजी का आभार मानत…
तरस गई हूँ
प्रेषक : रायपुर बॉय मेरा नाम विजय है! मैं रायपुर श…
देर से ही सही, चुद तो गई
शर्मा जी और हम पास पास ही रहते थे। दोनों के ही सरक…
जीजू संग सेक्स
प्रेषक : हर्ष हाय, मेरा नाम हर्ष है, मैं इंदौर में र…
नेहा की चूत खोली-1
किरण आँटी की चुदाई से मैं ऊब चुका था। उनकी बेटी न…
जब चुदी एकता मामी
प्रेषक – नन्द कुमार नन्द कुमार (ग्वालियर से) का अन्तर्व…
पेंटिंग क्लास में स्कूल गर्ल की बुर चुदाई
यह एक सच्ची कहानी है। मैं पेंटिंग की क्लास अपने घर …