वरदान
प्रेषक : मुन्नेराजा दुनिया की लगभग सभी जातियों में,…
तरक्की का सफ़र-8
“मेरा प्लैन है कि एम-डी महेश की बेटी मीना को उसकी …
तरक्की का सफ़र-5
सुबह मैंने देखा कि प्रीती हाथ में चाय का कप लिये म…
भाभी सच बताना
प्रेषिका : रानी सहिबा कमलिनी का महीना हुए चार दिन …
तरक्की का सफ़र-11
राज अग्रवाल एक दिन ऑफिस में शाम को जब काम खतम हो ग…
पानी भरने के बहाने
प्रेषक – रोहित तब मैं कुछ काम से उनके घर में चला ग…
तरक्की का सफ़र-14
राज अग्रवाल एम-डी के जाने के बाद प्रीती ने देखा कि …
तरक्की का सफ़र-1
मैंने बिस्तर पर करवट बदल कर खिड़की के बाहर झाँका तो…
दोस्तों का जाल
प्रेषक – पुलकित झा नमस्कार! अन्तर्वासना के पाठकों को …
भैया ने बाज़ी मारी
मैं शहर की एक घनी आबादी में रहती हूँ। आस पास दुका…