चिरयौवना साली-20

जीजाजी से मेरी रोजाना बात होती थी और उनकी बातों क…

केले का भोज-4

क्षितिज कहीं पास दिख रहा था। मैंने उस तक पहुँचने क…

मासूम यौवना-18

लेखिका : कमला भट्टी पहले मेरा मज़े लेने की कोई इच्छा…

केले का भोज-9

योनि खाली हुई लेकिन सिर्फ थोड़ी देर के लिए। उसकी अग…

केले का भोज-2

मुझे उसके दोस्तों को देखकर उत्सुकता तो होती पर मैं …

पलक की सहेली सरिता-1

जैसा कि आपने पलक और अंकित के बाद में पढ़ा कि सरिता…

आप कुछ ऐसा करो-1

प्रेषक : संजय शर्मा, दिल्ली प्रिय दोस्तो, मैं संजय एक …

पलक की सहेली सरिता-2

और यह बोलते हुए वो अपने दोनों पैर मेरे पैरों के द…

महकती कविता-2

महकती कविता-1 अब तो कविता का भी यह रोज का काम हो…

महकती कविता-3

महकती कविता-1 महकती कविता-2 कविता ने लण्ड को फिर …