गुरूजी का आश्रम-1

‘हेलो..! रुचिका!’ मेरे सम्पादक की आवाज सुनते ही मै…

सर्दी में पार्टी

प्रेषिका : नितिका सिंह दोस्तो ! मैं अन्तर्वासना की पि…

नन्दोई जी ने आख़िर चोद डाला

सभी अन्तर्वासना पढ़ने वाले पाठकों को पम्मी पंजाबन का …

स्वतन्त्रता दिवस

प्रेषक : आशीष उज्ज्वल हाय दोस्तों, मेरा नाम आशु है। म…

ससुराल गेंदा फ़ूल-2

सवेरे मैं सुस्ती में उठी… अलसाई सी बाहर बरामदे में…

भाई ने बताया चुदाई क्या है?

यह मेरी पहली कहानी है। मैं अपने जीवन की उस घटना क…

मुझे तुम्हारी जरूरत है

प्रेषक : अमित हाय दोस्तो ! मेरा नाम विजय है, मैं हि…

हमारी किरायेदार और उसकी बेटी

नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम राज है और मैं रीवा का रहने …

सौ के नोट के बदले

प्रेषक – सेक्सी कुछ दिनों पहले हमारी पुरानी कामवाली…

देवर से बुझी प्यास

मेरा नाम पल्लवी है, मेरी शादी हुए २ साल हो गए हैं,…