मेरा गुप्त जीवन-41
मैं फिर अपने पलंग पर लेट गया और सोचने लगा कि एक औ…
एक भाई की वासना -19
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. मैं- जाह…
वासना की आग मचलती है
प्रणाम दोस्तो, मेरा नाम है.. नोर्मा, पंजाब में रहती …
मेरा गुप्त जीवन -38
उस रात मैं और कम्मो घोड़े बेच कर एक दूसरे की बाहों …
मेरी बीवी का जवाब नहीं -1
दोस्तो, आज मैं आपको अपनी खुशकिस्मती की कहानी सुनाने…
एक भाई की वासना -8
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. मेरा तो …
मेरा गुप्त जीवन-33
चाची और उषा के जाने के बाद हम तीनों फिर एक साथ हो…
मेरा गुप्त जीवन -35
कम्मो की दर्द भरी कहानी सुन कर हम बहुत द्रवित हो गए …
मेरा गुप्त जीवन-36
चंचल दो रात हमारे साथ रही और फिर उसका पति लौट आया…
मेरा चोदू यार -2
धीरे धीरे उसने और शौक भी ग्रहण कर लिए, अब वो औरतों…