अंजलि की खुशी-2
प्रेषिका : लक्ष्मी कंवर मुझे भी जोश आने लगा। उसका कठ…
मोहे अंग लगा ले
प्रेषिका : निशा भागवत रोमा शादी होने के बावजूद भी …
पति घर से बाहर, यार अन्दर
सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को मेरा यानि सुलक्ष्णा की …
सहेली का बदला
प्रेषिका : कविता आज यह कहानी मैं अपनी सहेली मल्लिका…
मसक कली मौसी-3
प्रेषिका : श्रेया आहूजा मुझे भी मज़ा आने लगा। मैंने …
मेरी गांड की शादी हो गई-3
मकर सक्रांति के पास चार दिन के लिए कॉलेज बंद था, व…
लुगाई चुदवाई अपने सामने
लक्ष्य भारद्वाज हाय दोस्तो ! मैं अपने और अपनी पत्नी के…
बहन का नग्नतावाद से परिचय-10
प्रेषक : आसज़ सम्पादक : प्रेमगुरू करेन अचानक उठ खडी ह…
अंजलि की खुशी-1
प्रेषिका : लक्ष्मी कंवर हाय! मैं अपने रहस्य अपनी सबसे…
मेरी गांड की शादी हो गई-1
प्रणाम दोस्तो! आपने तो मुझे अपने दिल में जो जगह दी …