पुष्पा का पुष्प-3
बाहर कल की तरह सन्नाटा था, रात अधिक हो रही थी, नीं…
मुम्बई की गंध-2
तीन फुट ऊंचे, संगमरमर के फर्श पर, बहुत कम कपड़ों मे…
तो ज्यादा मज़ा आएगा
मैं अभिषेक एक बार फिर से आप लोगों के सामने हूँ। आ…
मुम्बई के सफ़र की यादगार रात-2
उसके बाद उसने अपने हैण्ड बैग से टिशु पेपर निकाला औ…
चचेरी बहन का कौमार्य-3
कहानी का पिछला भाग: चचेरी बहन का कौमार्य-2 दोस्तो,…
चचेरी बहन का कौमार्य-1
दोस्तो, मैं भी अन्तर्वासना की कहानियों को नियमित पढ़त…
पलक की चाहत-2
लेखक : सन्दीप शर्मा मैं कुछ कहता या समझता वो उसके प…
मुम्बई के सफ़र की यादगार रात-5
लेखक : सन्दीप शर्मा उस वक्त वो क्या गजब की लग रही थी …
मेरी बेबाक बीवी-4
लेखक : अरुण रात बहुत हो चुकी थी। शेविंग का सामान …
मुम्बई की गंध
“तेल भरवा लें !” कह कर रतन ने अपनी कार जुहू बीच ज…