पड़ोसन दीदी-2

वो जिस्म की आग से तप रही थी। उसने मुझे अपनी ओर खीं…

छप्पर फाड़ कर-1

सुगंधा को वापस उसके छात्रावास छोड़ने के बाद मैं सभी…

मेरी मुनिया उसका पप्पू-2

लेखक : जीत शर्मा वो अचानक बेड से उठा और कमरे से बा…

छुपाए नहीं छुपते-2

प्रेषक : कुमार बोसोन उसने मेरा लिंग अपने हाथों में…

मेरे पड़ोसी की बीवी और साली-2

मेरी अंगुली बुर में घुस कर आगे पीछे हो रही थी और …

किरायेदार-3

सुरेखा की तरफ देखती हुई नर्स बोली- तू भी अपनी चूत …

छप्पर फाड़ कर-2

मैंने उसके उरोजों को सहलाना शुरू किया। उरोज क्या थ…

अंगूर का दाना-3

प्रेम गुरु की कलम से उस रात मुझे और अंगूर को नींद …

मेरी मुनिया उसका पप्पू-1

लेखक : जीत शर्मा दोस्तो ! यह कथा मेरी कहानियों की ए…

अंगूर का दाना-2

प्रेम गुरु की कलम से मेरे पाठको और पाठिकाओ! आप जरू…