जल्दी कुछ करो
हाय दोस्तो! सभी पाठको को रश्मि का नमस्कार! तीन महीने…
मेरी गर्लफ्रेन्ड मनीषा
प्रेषक : मनीष गौतम सबसे पहले मैं दोनों हाथों का सम…
जब चुदी एकता मामी
प्रेषक – नन्द कुमार नन्द कुमार (ग्वालियर से) का अन्तर्व…
अब आया मज़ा?
प्रेषक – नन्द कुमार मेरे दोस्त की शादी थी। उसकी शादी…
बस से होटल के कमरे तक
सन्नी पिछली कहानी थी ‘ट्रेन में लंड चूसा‘ उसके आगे…
मन का मीत मिला रे
मेरी शादी के बाद एक महीना तो रोज 4 से 5 बार चुदाई…
प्रगति की आत्मकथा -3
प्रेषिका : शोभा मुरली शेखर अब अगले शुक्रवार की तैया…
देर से ही सही, चुद तो गई
शर्मा जी और हम पास पास ही रहते थे। दोनों के ही सरक…
पेंटिंग क्लास में स्कूल गर्ल की बुर चुदाई
यह एक सच्ची कहानी है। मैं पेंटिंग की क्लास अपने घर …
तुम्हारे लिए ही
नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम प्रिंस है और मैं आपको अपनी ए…