Father, Husband And Nana

Khan sahib nay mujhay nanga keya huwa tha aur muj…

बहन को कैसे पटाया

मेरी एक बहन है। बचपन में हम साथ खेला करते थे, लेक…

मेरे मोहल्ले की रौनक

आमिर खान नमस्कार दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का नियमित पा…

लाजो का उद्धार-3

एक एक हुक खुलता हुआ ऐसे अलग हो जाता था जैसे बछड़ा …

कमाल की हसीना हूँ मैं-42

मेरी वासना और जोर से भड़क उठी। मैंने बहुत ही मस्त ह…

चुद गई ठंडक में

मेरी कहानियों को पढ़ कर एक मोहतरमा ने मुझसे कहा- म…

नया मेहमान-6

‘जीजू, बहुत चालू हो आप!’ कहकर हंसने लगी वो! फिर ह…

नया मेहमान-4

बाथरूम में रेखा दरवाजे की तरफ मुँह करके पटरी पर ज…

नया मेहमान-1

तमाम पाठकों को रोनी सलूजा का प्यार भरा नमस्कार ! मे…

कमाल की हसीना हूँ मैं-37

वो मुझे सहारा दे कर बार के करीब ले गया और दो ड्रिं…