बहकते ज़ज्बात दहकता जिस्म-1

रोनी सलूजा अपनी ऑफिस की सहायिका लीना की कहानी आपक…

एक हसीन रात

हाय मेरे स्वीटहार्ट… आज रीतिन के साथ मेरी डेट है, ह…

लड़कपन की यादें-2

रात हुई, हम तीनों ने खाना खाया, थोड़ी देर ड्राइंग र…

हास्य कविताएँ

चाँदी जैसी चूत है तेरी, उस पे सोने जैसे बाल .. एक…

लड़कपन की यादें-1

मैं काफ़ी समय से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। अधि…

लड़कपन की यादें-3

कुछ ही दिनों में मुझे काम-दर्शन का सिलसिला रोकना प…

पड़ोसन ने रसोई में लौड़ा चूसा

Padosan ne Rasoi me Lauda Chusa दोस्तो, आज मैं आपक…

लम्बी चुदाई-1

Lambi Chudai-1 नमस्कार मैं सारिका एक नया अनुभव आप …

लड़कपन की यादें-4

काफी देर तक सोनी नहीं आई तो मैंने फिर से उसे आवाज…

गर्दन के बाद चूत अकड़ गई

Gardan ke Bad Chut Akad Gai मेरा नाम पारितोष है। …