एक भाई की वासना -19
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. मैं- जाह…
मेरा गुप्त जीवन -42
प्रिय पाठको, मुझको जो ईमेल मिल रहीं हैं उनमें से क…
मेरा गुप्त जीवन-41
मैं फिर अपने पलंग पर लेट गया और सोचने लगा कि एक औ…
एक भाई की वासना -18
सम्पादक – जूजा जी हज़रात आपने अभी तक पढ़ा.. जाहिरा न…
वासना की आग मचलती है
प्रणाम दोस्तो, मेरा नाम है.. नोर्मा, पंजाब में रहती …
मेरा गुप्त जीवन -38
उस रात मैं और कम्मो घोड़े बेच कर एक दूसरे की बाहों …
एक भाई की वासना -8
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. मेरा तो …
एक भाई की वासना -12
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. अन्दर से …
मेरा गुप्त जीवन-33
चाची और उषा के जाने के बाद हम तीनों फिर एक साथ हो…
मेरा गुप्त जीवन -35
कम्मो की दर्द भरी कहानी सुन कर हम बहुत द्रवित हो गए …