वफ़ा या हवस-4

शैलीन- जल्दी से फ्रेश हो जाओ! मैं- क्यों भाभी? शैलीन…

वफ़ा या हवस-2

शैलीन की आवाज़ से अचानक मेरा ध्यान भंग हुआ। मुझे दे…

अच्छे से करो ना !

दोस्तो, मेरा नाम आयुष है प्यार से लोग मुझे आयु राजा…

हिंदी सेक्सी स्टोरी: तीन भाभियों की किस्मत मेरे हाथ-2

मैंने ओढ़नी उतार फेंकी, पजामा निकाल कर उसकी बगल मे…

मिल-बाँट कर..-1

हाय ! हम झंडाराम और ठंडाराम दोनों सगे भाई हैं। हम…

ग्राहक की बीवी-2

मैं- राजू यहीं बैठो हमारे साथ! और एकदम निश्चिंत हो…

कोई बचा ले मुझे-1

मैं सामाजिक कार्य में बहुत रुचि लेती हूँ, सभी लोग …

सोनू से ननदोई तक-1

सबसे पहले तो गुरुजी को प्रणाम जिनकी वजह से हमें इत…

मिल-बाँट कर..-3

प्रेषक : सुशील कुमार शर्मा और भी है कोई यहाँ तुम्हार…

बरसात की हसीन रात

राज राने मेरे अन्तर्वासना के दोस्तों को मेरा सलाम, य…