लिंगेश्वर की काल भैरवी-4

(एक रहस्य प्रेम-कथा) मंदिर आ गया था। बाहर लम्बा चौड़ा…

अक्षरा-1

दिल तो मेरा भी है प्रेषक : ठाकुर नोट उड़ाए जा रहे ह…

बाल्कनी से बेडरूम तक

अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है। मैं 28 साल का…

आरती की आरती

दोस्तो, मेरा नाम जीत है। बात उस समय की है जब मैं इ…

खूबसूरत खता-2

प्रेषिका : निशा कुणाल दो मिनट तक ऐसे ही यामिनी के …

गंधर्व विवाह

प्रेषक : अन्नू निशा मेरी एक मात्र लंगोटिया दोस्त है। …

मामी ने चूत दी तो मैंने ले ली -3

अब तक आपने पढ़ा कि मैं मामी के साथ यौन क्रियाएँ करन…

यह कैसा मोड़-2

प्रेषक : विजय पण्डित “यह तो गार्डन है… किसी ने देख ल…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -36

सम्पादक जूजा मैंने आपी की चूत में उंगली करते हुए अ…

खूबसूरत खता-1

प्रेषिका : निशा “डार्लिंग ! आज तो बहुत सेक्सी दिख रह…