तू नहीं और सही-2
प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा उसकी गीली झांटों से मेरे …
उत्तरायण का मजा
मैं हूँ आप सब का दोस्त राहुल आपके सामने मैं अपनी प…
सीढ़ियों में पटा कर छत पे चोदा
मैं आज आपको अपनी जिन्दगी की दो साल पुरानी एक घटना …
प्यासी दुल्हन -2
दस दिन बाद मेरा बैंक का पेपर लखनऊ में था। मेरी को…
ये दिल … एक पंछी-1
प्रेषिका : निशा भागवत निशा की शादी हुये पांच वर्ष स…
सावन में मस्ती..
प्रिय मित्रो.. मेरा नाम लक्ष्मी है, मैं दिल्ली में रहत…
Aunty Ne Chudai Karte Pakda
Hi friends mera naam hai Sujeet mai kanpur ka reh…
कैसी मेरी दीवानगी
मैं हूँ चंदना, अन्तर्वासना की बहुत बड़ी बड़ी बड़ी प्रशं…
तू नहीं और सही-1
प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा मैं गोवा में रहती हूँ, एक…
प्रगति की आत्मकथा -3
प्रेषिका : शोभा मुरली शेखर अब अगले शुक्रवार की तैया…