मेरी मां चुद गई

प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा रात आने को थी… मेरा दिल ध…

एक गांव की छोरी

मैं उन दिनों गांव में अपनी दीदी के घर आया हुआ था.…

बेटा और देवर-1

मेरी योनि के अन्दर घूमती उंगली ने मुझे मदहोश कर रख…

क्या है प्रेम?

प्रेषिका : सिमरन शर्मा प्रेम का परिणाम संभोग है या क…

मैं लौड़ा नहीं चूसूंगी-2

अगले दिन से मैं अलग कमरे में सोने लगी। भाभी अब भै…

शिष्या की पहली चुदाई

प्रेषक : कुमोद कुमार बात उस समय की है जब मैं अपनी …

प्रेम के अनमोल क्षण-1

प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा श्री मनोहर सिंह मेहता के द्…

आंटी की प्यास

मैं आमिर अलाहाबाद से हूँ, उम्र चौबीस साल है, मेरा …

बात बनती चली गई-1

विजय पण्डित घर में हम तीन लोग ही रहते थे- मैं, मेर…

मैं, मेरी सहेली और वो

प्रेषक : सैम मैं सबसे पहले अन्तर्वासना का धन्यवाद करत…