कमाल की हसीना हूँ मैं-1
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा सलाम ! उम्मीद करती…
कमाल की हसीना हूँ मैं -2
खैर अगले दिन से मैं अपने काम में जुट गई। धीरे धीर…
कमाल की हसीना हूँ मैं -5
उन्होंने मेरे निप्पल को अपनी उँगलियों से छूते हुए म…
कमाल की हसीना हूँ मैं -6
दोनों जोड़े वहीं अलग-अलग कंबल और रज़ाई में घुस कर ब…
कमाल की हसीना हूँ मैं -7
जावेद की नींद खुल गई। वो पेशाब करने उठा था। हम दो…
कमाल की हसीना हूँ मैं-10
मैं उनका हाथ थाम कर बिस्तर से उतरी। जैसे ही उनका स…
समलैंगिक Homosexual Lesbian
एक आदमी की तीन बेटियाँ और एक बेटा था। एक दिन जब व…
कहीं ले चलो-3
मैं राज ! याद आया दोस्तो, मैं आपका शुक्रगुजार हूँ अ…
संगीता का संगीत
लेखक : जूजा जी यह कहानी उन दिनों की है, जब मुझ पर…
कमाल की हसीना हूँ मैं -8
मेरे जिस्म पर कपड़ों का होना और ना होना बराबर था। स…