दगड़ी हम दोस्तों ने बहुत रगड़ी
दोस्तो, यह कहानी बहुत पुरानी है, तब की है जब मैं औ…
साले की बीवी की गांड में रंग
दोपहर का वक्त था, मैं अपने काम से एक जगह गया था। व…
वो एक दिन
नमस्ते दोस्तो, मैं आज राघव नाम से कथा लिख रही हूँ। …
जिस्मानी रिश्तों की चाह -16
सम्पादक जूजा अब तक आपने पढ़ा.. माहौल की घुटन खत्म हो…
मैं ऋषिता की चूचियों का दीवाना
हैलो मेरा सभी अन्तर्वासना के पाठकों को प्यार भरा नमस्…
जिस्मानी रिश्तों की चाह -18
सम्पादक जूजा अब तक आपने पढ़ा.. मेरी निगाह को अपनी ज…
मेरी मदमस्त रंगीली बीवी-6
यह देखकर मैं तो क्या, पप्पू भी हैरान हो गया… कि सलो…
मेरी मदमस्त रंगीली बीवी-5
कहाँ चले गये वो दोनों लड़के? बाहर के दरवाज़े से लेक…
गेटपास का रहस्य-6
दीप ने मुझसे कहा- भाई आप ऊपर वाले कमरे में चले जा…
चलती बस में समलिंगी अनुभव
उस समय मेरी भी उम्र 25 रही होगी। मेरी शादी भी नहीं…