गेटपास का रहस्य-6

दीप ने मुझसे कहा- भाई आप ऊपर वाले कमरे में चले जा…

और काजल बेतकल्लुफ़ हो गई-1

अन्तर्वासना के मेरे सभी दोस्तों को अरुण का नमस्ते ! आ…

गेटपास का रहस्य-4

अब तक मैंने उसकी हाफ पेंट के बटन खोल दिये थे, जैस…

बहन को कैसे पटाया

मेरी एक बहन है। बचपन में हम साथ खेला करते थे, लेक…

चुद गई ठंडक में

मेरी कहानियों को पढ़ कर एक मोहतरमा ने मुझसे कहा- म…

कमाल की हसीना हूँ मैं-37

वो मुझे सहारा दे कर बार के करीब ले गया और दो ड्रिं…

गेटपास का रहस्य-3

दीप के जाने के बाद मैंने किताब को एक तरफ रखी और म…

रेनू से मुलाकात और चुदाई

अन्तर्वासना पर काफी कहानियाँ पढ़ने के बाद मैं खुद रो…

नया मेहमान-1

तमाम पाठकों को रोनी सलूजा का प्यार भरा नमस्कार ! मे…

कमाल की हसीना हूँ मैं-36

“यहाँ कोई नहीं आयेगा और किसे परवाह है? देखा नहीं …