फिर आऊँगी राजा तेरे पास !
प्रेषक : संदीप कुमार एक बार मैं अपने चाचाजी के यहा…
वेलेंटाईन डे का तोहफा-1
प्रेषक : शशिकान्त वघेला मेरा नाम रोहित है और मैं अन्…
कानून के रखवाले-4
प्रेषक : जोर्डन सोनिया का घर: सोनिया के माँ-बाप, भा…
मुझे रण्डी बनना है-8
जूली- कल आपका आखिरी दिन है तो वादा करो कि कल दिन …
हम लड़कियाँ लड़कियाँ
प्रेषक : हैरी बवेजा हेल्लो दोस्तो, आज मैं आपको तब की…
हाथ में हाथ-1
आप कहाँ जा रहे हैं? जहाँ तक बस जाएगी। बस कहाँ तक …
मैं तो शादीशुदा हूँ-2
मैं तो शादीशुदा हूँ-1 यह रास्ते में मिले, लगता ज्या…
जीजू ने बहुत रुलाया-3
प्रेषिका : मेघना सिंह मुझे उत्तेजना की वजह से पेशाब…
मुझे दीदी ना कहो-1
लेखिका : कामिनी सक्सेना मैं दिन को घर में अकेली हो…
एकाकीपन में खुशी-2
प्रेषक : अशोक अन्तर्वासना के सभी पाठकों को अशोक का न…