सहेली का बदला

प्रेषिका : कविता आज यह कहानी मैं अपनी सहेली मल्लिका…

बहन का नग्नतावाद से परिचय-9

प्रेषक : आसज़ सम्पादक : प्रेमगुरू खाना खाने के बाद सफ…

जब वो हुई अट्ठारह की

प्रेषक : सुज़ान कौर अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी…

महाकाय लिंग का आनन्द

लोग मुझे लावण्या कहते हैं, और मैं आपसे झूठ नहीं बो…

पिया संग पीहर में !

मेरी सच्ची कहानी मसक कली मौसी अब तक मेरे बताए अनुस…

दीदी की शादी, मेरी सुहागरात

सभी अन्तर्वासना के पाठकों को मेरी तरफ से यानि बबली …

प्यासी साली

सभी पाठकों को मेरा सलाम! मैं पिछले तीन सालों से अ…

अंजलि की खुशी-2

प्रेषिका : लक्ष्मी कंवर मुझे भी जोश आने लगा। उसका कठ…

बहन का नग्नतावाद से परिचय-8

प्रेषक : आसज़ सम्पादक : प्रेमगुरू मंगलवार की रात जब म…

पति घर से बाहर, यार अन्दर

सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को मेरा यानि सुलक्ष्णा की …