इस्तान्बुल में शिप पर चुदाई-1
प्रेषक : विक्की कुमार मैं परम आदरणीय गुरुजी का शुक्र…
उसकी खुद की फट गई !
हरीश महरा सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को मेरा यानि ह…
एक घंटे में चार लौड़े
लेखक : सनी गांडू मैं सनी ! मुझे तो आप सब अच्छी तरह…
हवाई जहाज में चुदाई-1
प्रेषक : विक्की कुमार अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मे…
जमशेदपुर की गर्मी-1
प्रेमशीर्ष द्वारा लिखित एवम् प्रेम गुरु द्वारा संशोधित …
जीजू
कम उमर से ही मेरी सहेली ने मुझे यौन शिक्षा में प्रव…
मैं और मेरी प्यारी शिष्या-2
अन्तर्वासना के सभी दोस्तों का ढेर सारा प्यार मिला उनक…
बुआ हो तो ऐसी-2
(प्रेम गुरु द्वारा संशोधित एवं संपादित) मैं एक बार …
बुआ हो तो ऐसी-1
(प्रेम गुरु द्वारा संशोधित एवं संपादित) घर की मौज ह…
कुछ मनोरंजन हो जाये
प्रेषिका : शिल्पा त्रिपाठी प्रिय पाठको, मैं शिल्पी उम्र…