मौसम की करवट-2
आप सबको एक बार फ़िर प्यार भरा प्रणाम! मेरी कहानी आप …
कट्टो रानी-3
कहानी का दूसरा भाग : कट्टो रानी-2 मैं सोचने लगा कि…
आखिरी मुलाकात
प्रेषक : आदित्य कश्यप आप लोगों ने मुझे जो ईमेल और प्य…
माया मेम साब-3
प्रेषिका : स्लिमसीमा कहानी का दूसरा भाग : माया मेम…
मुझे शर्म आती है !-1
भाई बहन की चुदाई कैसे शुरू हो जाती है, इस कहानी म…
इक्कीसवीं वर्षगांठ-3
प्रेषिका : शिप्रा सुबह आठ बजे जब पापा ऑफिस चले गए त…
काम की चाह-3
दूसरे दिन मेरा पूरा बदन दर्द हो रहा था मेरे पूरे ब…
माया मेम साब-1
प्रेषिका : स्लिमसीमा बाद मुर्दन के जन्नत मिले ना मिले…
भाई की रखैल
अन्तर्वासना के पाठकों को आपकी अपनी अर्चना का नमस्कार …
लिव इन कैरोल-3
प्रेषक : मुकेश कुमार दिन की घटना को सोच कर फिर उत्त…