आकर्षण-1

मैं वृंदा, एक बार फिर से हाज़िर हूँ आपके सामने एक …

एक के ऊपर एक

प्रेषक : अर्जुन मेरा नाम अर्जुन है, मैं शहर में काम …

एनसीसी कैंप की रात

प्रेषक : प्रवीण मैं अध्यापक हूँ। हमारे स्कूल में लड़के…

दो नम्बर का बदमाश-1

‘ये चूतें, गाँड, और लंड सब कामदेव के हाथों की कठप…

दोस्त की बीवी की चुदाई-1

मुख़तार मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। यह मेरी …

मेरी मालिश उसकी चाहत

प्रेषक : आलोक कुमार काफी दिनों बाद अपनी नई कहानी भ…

हमारी नौकरानी सरीना-2

सरीना आठ बजे तक काम करके चली जाती थी, आज नौ बज रह…

राजा का फ़रमान-3

राजा : मैं बेगैरत..? मैं बुज़दिल..? तो तू क्या है? …

जन्नत चाची

मै और मेरे चाचा-चाची पास-पास रहते थे, मेरे चाचा क…

राजा का फ़रमान-2

पिछले भाग से आगे…. राजा ने फैसला सुनाया- आज से ले…