देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-5

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए लखनऊ 9-7-2010 समय: 10-3…

पति की कल्पना-3

आँखों के सामने चुदाई का यह सजीव दृश्य देखने के बाद…

काम आगे बढ़ाया

इससे पहले मेरी कहानियाँ काम में मज़ा आया? और दोबार…

कुवां मां डूब जाऊंगी

प्रेषक : जीतू झा दोस्तो। मैं ज़ीत फिर से हाजिर हूँ। …

सम्भोग प्रबन्धन

प्रेषक : लवगुरु खान सभी पाठकों के उत्तेजित भरे लिंग…

मन अभी भरा नहीं !

जैसा कि आप जानते हैं कि सेक्स की भूख कभी कम नहीं ह…

तो शर्म क्यों ?

सबसे पहले अन्तर्वासना को धन्यवाद क्योंकि इसकी वजह से …

पेल दे पर बेल दे

मैं श्रेया आहूजा, आपकी कमसिन लेखिका आपको पिछले सप्त…

कितने लेते हो?

विक्की एक्सिस मैं तीन महीने पहले अहमदाबाद में एक दि…

भगवान मुझे एक साली दो।

प्रेषक : ?? तुम श्लील कहो, अश्लील कहो चाहो तो खुलकर …