ट्रेन का सफ़र

गुरु जी को प्रणाम …और सभी अन्तर्वासना के पाठकों को न…

वो पूस की एक रात-1

मेरा नाम माही है। मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा प्रशंस…

दोस्ती का उपहार-1

दोस्तो, मेरा आप सभी को लण्ड हाथ में लेकर प्यार भरा न…

अकेली मत रहियो

मेरी यह कहानी, मात्र कहानी ही है। आदरणीया नेहा दीद…

दोबारा काम मिला

मैं सबसे पहले गुरूजी का धन्यवाद करता हूँ कि मेरी क…

देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-3

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए लखनऊ 2-7-2010, समय: 9-3…

मेरा जादू चल गया

लेखिका : लक्ष्मी कंवर मैं तीस वर्षीया शादीशुदा स्त्री …

मस्त है यह सानिया भी-3

काल-गर्ल के बारे में सुन कर सानिया का चेहरा लाल हो…

दोस्ती का उपहार-2

प्रेषक : विनय पाठक दोपहर बाद जब सब खाना खाने के लि…

यौन क्षुधा यानि चूत चुदाई की प्यास

अकेलापन भी कितना अजीब होता है। कोई साथ हो ना हो, …