केले का भोज-3
मैंने योनि के छेद पर उंगली फिराई। थोड़ा-सा गूदा घि…
पाँच सौ का नोट
सभी पाठकों को मेरा नमस्कार, पाठिकाओं को मेरे खड़े ल…
अग्निपरीक्षा
फ़ुलवा ऍम बी ए करके सुरेखा को अच्छी नौकरी मिल गई। छ…
मेघा की तड़प-3
अदिति अपनी सफ़ल हुई योजना से खुश थी। जो वो मेघा को…
आंटी गुलबदन और सेक्स (प्रेम) के सात सबक-2
प्रेम गुरु की कलम से उरोजों को मसलना और चूसना …
केले का भोज-4
क्षितिज कहीं पास दिख रहा था। मैंने उस तक पहुँचने क…
पलक की सहेली सरिता-2
और यह बोलते हुए वो अपने दोनों पैर मेरे पैरों के द…
केले का भोज-2
मुझे उसके दोस्तों को देखकर उत्सुकता तो होती पर मैं …
मासूम यौवना-18
लेखिका : कमला भट्टी पहले मेरा मज़े लेने की कोई इच्छा…
केले का भोज-8
वह फिर मुझ पर झुक गई। कम से कम आधा केला अभी अन्दर …