एक भाई की वासना -3
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. मैंने उस…
धोबी घाट पर माँ और मैं -15
माँ दांत पीस कर लगभग चीखते हुए बोलने लगी- ओह होओओ…
धोबी घाट पर माँ और मैं -13
माँ एक बार जरा पीछे घूम जाओ ना!’ ‘ओह, मेरा राजा म…
कविता की गालियों भरी चूत चुदाई
सभी मित्रों को मेरा नमस्कार.. मैं 25 साल का नवयुवक …
मेरा गुप्त जीवन-26
जैसे जैसे मेरे लखनऊ जाने के दिन निकट आ रहे थे मेर…
मेरा गुप्त जीवन -24
अगले दिन चम्पा निर्मला को लेकर मम्मी से मिलने आई। थो…
मेरा गुप्त जीवन -29
मैं दो औरतों को चोद कर उनके बीच खड़े लंड को लेकर ल…
मेरा गुप्त जीवन-28
मम्मी मेरा इंतज़ार कर रही थी और हम दोनों ने मिल कर …
लिफ्ट देकर चूत मिली
दोस्तो.. मेरा नाम नील है और मैं पुणे का रहने वाला …
कॉरपोरेट कल्चर की चुदाईयाँ -1
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को वंशिका का प्यार भरा नमस्…