लाजो का उद्धार-3
एक एक हुक खुलता हुआ ऐसे अलग हो जाता था जैसे बछड़ा …
मेरा गुप्त जीवन- 141
मैंने तीन चार बार ही ऐसा किया कि रति अपनी कमर नीच…
कमाल की हसीना हूँ मैं-38
मैंने साँस ली ही थी कि एक बार फिर मुझे उसकी मुठ्ठि…
कमाल की हसीना हूँ मैं-35
मेरी चूत का मुँह लंड के एहसास से लाल हो कर खुल गय…
गेटपास का रहस्य-1
सुनीता की शादी होने के बाद एक बार फिर से मैं तन्हा…
चूत एक पहेली -66
अब तक आपने पढ़ा.. निधि- आ..आह्ह.. बाबूजी.. आह्ह.. मे…
चूत एक पहेली -67
अब तक आपने पढ़ा.. फिर क्या था सन्नी आग-बबूला होकर दू…
कमाल की हसीना हूँ मैं-39
कुछ ही देर में उनके लौड़े फौलाद की तरह सख्त हो गये …
वासना की न खत्म होती आग -2
उन्होंने कहा- ‘जब से तुम्हारी फोटो देखी है, तब मैं …
कमाल की हसीना हूँ मैं-45
हमने जो पैकेज चुना था उसके मुताबिक वो आठ लौड़े बदल…