ज़िन्दगी के अजीब रंग

मैं और कामिनी एक ही ऑफ़िस में काम करते थे। कामिनी …

एक शाम बरसात के नाम

लेखिका : कामिनी सक्सेना हम लोग जहां रहते हैं वो एक…

जाने कब मिलेंगे

प्रेषक : माणक नाहर हैलो दोस्तो, मैं पहली बार कोई कह…

जवानी फिर ना आये

जवानी की मस्ती मैं जी भर के लूटना चाहती हूं, लगता …

चूत में भूत-3

मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं होगा, बाहर भाभी हैं, वो स…

भोला पंछी

लीजिए एक और नई कहानी आपकी खिदमत में पेश है। यह कह…

रद्दी वाले से गांड मरायी

दोस्तो, मेरा नाम बबलू है और एक बार फिर से अन्तर्वासन…

कच्ची कली से फूल बनाया

हाय दोस्तों, मेरा नाम संजय है और मैं राजस्थान का रह…

मिस मोनिका

हाय दोस्तो ! मैं हूँ अरमान सिंह 5”10′ मस्त गोरा चिट्…

प्रगति की आत्मकथा- 1

प्रेषिका : शोभा मुरली यह एक बिल्कुल सच्ची कहानी है …