मेरा गुप्त जीवन- 184
कम्मो रुआंसी हो गई कि उसको भी मूर्ख बनाया एक लड़की न…
केले का भोज-1
प्रिय पाठको, आपने मेरी पिछली कहानियों स्वीटी और पु…
अग्निपरीक्षा
फ़ुलवा ऍम बी ए करके सुरेखा को अच्छी नौकरी मिल गई। छ…
आंटी गुलबदन और सेक्स (प्रेम) के सात सबक-2
प्रेम गुरु की कलम से उरोजों को मसलना और चूसना …
बेटे की टीचर की चूत चुदाई
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार! मैं रोमा …
चुदक्कड़ माया का सुहाना सपना-1
अन्तर्वासना पढ़ने वालों को चूतनिवास का लौड़ा इकतीस बा…
Meri Aatmkatha
Doston mein apne bare mein bata doon mein ek hand…
केले का भोज-2
मुझे उसके दोस्तों को देखकर उत्सुकता तो होती पर मैं …
केले का भोज-4
क्षितिज कहीं पास दिख रहा था। मैंने उस तक पहुँचने क…
केले का भोज-3
मैंने योनि के छेद पर उंगली फिराई। थोड़ा-सा गूदा घि…