कुंवारी भोली–7
शगन कुमार रात को मुझे नींद नहीं आ रही थी। हरदम नि…
कुंवारी भोली–12
शगन कुमार दरवाज़े पर महेश और उसके साथियों को देख क…
एक विचित्र चुदाई
मैंने शायद अपनी किसी कहानी में जिक्र किया भी है कि…
काशीरा-लैला -1
चचाजान का खत आया कि वो तीन चार दिन के लिये हमारे …
मेरी जवान चूत की धार
दोस्तो, एक बार फिर राज का दिल और खड़े लण्ड से नमस्कार…
अगर उस दिन मैं दरवाजा खोल देती
कई बातें ऐसी होती हैं जो बीत जाने के बाद बरसों तक…
काशीरा-लैला -4
“वाह.. भतीजे के लाड़ दुलार चल रहे हैं, उसे मलाई खि…
Hostel – Part II
Dusre din jab dono uthe to dono ne roshni ko baha…
काशीरा-लैला -3
चाची ने मुझे सीने से लगा लिया और थपथपा कर छोटे बच्…
मेरी प्यारी कान्ता चाची
प्रेषक : आर्यन सिंह मेरे प्यारे दोस्तो, आज मैं आपको अ…