राजा का फ़रमान-1

वृन्दा नमस्कार ! मैं वृंदा पहली बार अन्तर्वासना पर अप…

एक के ऊपर एक

प्रेषक : अर्जुन मेरा नाम अर्जुन है, मैं शहर में काम …

मेरी मालिश उसकी चाहत

प्रेषक : आलोक कुमार काफी दिनों बाद अपनी नई कहानी भ…

आकर्षण-4

लेखिका : वृन्दा अब धीरे धीरे मेरे शरीर में भी बदला…

राजा का फ़रमान-3

राजा : मैं बेगैरत..? मैं बुज़दिल..? तो तू क्या है? …

जब मस्ती चढ़ती है तो…-3

प्रेषिका : बरखा लेखक : राज कार्तिक होली वाले दिन सा…

जोगिंग पार्क-3

नेहा वर्मा एवं शमीम बानो कुरेशी फ़िर एक दिन मैं जब …

आकर्षण-1

मैं वृंदा, एक बार फिर से हाज़िर हूँ आपके सामने एक …

मेरी बिगड़ी हुई चाल

कोमल की कोमल चूत की तरफ से आपको नमस्ते। मैं आपको ब…

राजा का फ़रमान-2

पिछले भाग से आगे…. राजा ने फैसला सुनाया- आज से ले…