आज मैं बहुत खुश हूँ
मेरा नाम मानसी है। मैंने अपनी कहानी “बहुत प्यार कर…
यूँ ही अचानक
लेखक : आरव रावत मैंने कई कहानियाँ अन्तर्वासना में …
लुटने को बेताब जवानी-1
सबसे पहले मैं अपने पाठको को धन्यवाद देना चाहूंगी ज…
पापा का दोस्त
प्रेषिका : लवीना सिंह अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा …
ममेरी बहन के संग
प्रेषक : शिमत सबसे पहले तो मैं गुरूजी को धन्यवाद कह…
वेब से बेड तक-3
प्रेषक : लव गुरू फिर मैंने कहा- माँ, मुझको तुम्हारे…
तो हुआ यूँ
आप सबको आपकी अंतरा का रस भरा नमस्कार तो हुआ यूँ :…
गाँव जाकर नौकर से प्यास बुझवाई-2
लेखिका : आंचल जैसे कि मैंने पहले भाग में बताया था…
जा क्यों नहीं रहा है?
दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का पुराना पाठक हूँ। मैंने अन्…
सन्डे है चुदाई डे
प्रेषक : ललित सिंह मेरा नाम ललित है, दिल्ली का रहने…