चाण्डाल चौकड़ी के कारनामे-14

मैं- जब मैं तेरी भाभी के नंगे बदन पर लेटा था तो त…

दोस्त और उसकी बीवी ने लगाया ग्रुप सेक्स का चस्का-7

दोनों के जाने के बाद मैंने दीपा को गोदी में उठाकर…

मैं अपने जेठ की पत्नी बन कर चुदी -18

सन्तोष मेरे उरोजों की मालिश में इतना मस्त हो गया था…

चाण्डाल चौकड़ी के कारनामे-8

नेहा बोली- राहुल तुमने सच कहा था कि उंगली में वो …

अंगूर का दाना-2

प्रेम गुरु की कलम से मेरे पाठको और पाठिकाओ! आप जरू…

दोस्त और उसकी बीवी ने लगाया ग्रुप सेक्स का चस्का-8

कामिनी ने मुझे फ़्रॉक दी, मैंने पहन कर देखी मैं काफ़…

लण्ड की प्यासी-3

प्रेषक : सुनील कश्यप मुझे महसूस हुआ कि वह अब झड़ने व…

जुरमाना क्या दोगे

प्रेषक : चन्दन मेरा नाम चन्दन है, हरियाणा का रहने वा…

किरायेदार-9

लेखिका : उषा मस्तानी रजनी उठी और उसने मुस्करा कर मु…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -1

सम्पादक जूजा दोस्तो, यह कहानी पाकिस्तान के एक लड़के स…